सेब कारोबार पर कोरोना की मार: प्रति पेटी 1000 से 1200 रुपये दाम गिरे, किसान-आढ़ती और रेहड़ी वाले परेशान

August 27 2021

सेब कारोबार पर कोरोना महामारी की जबरदस्त मार पड़ी है। दो लहरों के बाद अब कोरोना की तीसरी लहर की आशंका ने सेब उत्पादक किसानों, आढ़तियों और रेहड़ी वालों तक की कमर तोड़ कर रख दी है। हिमाचल प्रदेश में रिकॉर्ड चार करोड़ पेटी सेब उत्पादन होने और एक साथ मार्केट में अधिक सप्लाई से सेब को अच्छे भाव नहीं मिल रहे हैं। पिछले 15 दिन में ही प्रति पेटी 1000 से 1200 रुपये तक थोक रेट कम हो गए हैं। पहले जो 25 से 30 किलोग्राम की पेटी 2700 रुपये की बिक रही थी, वह अब घटकर 1700 रुपये तक आ गई है।

पंचकूला स्थित सेब मंडी में पड़ताल के दौरान ये बातें सामने आई हैं। पंचकूला की सेब मंडी से देश के लगभग सभी राज्यों में सेब सप्लाई होता है। औसतन यहां से रोजाना 50 हजार पेटियां सप्लाई की क्षमता है। कोरोना के कारण आय कम होने के कारण अब हरियाणा समेत पंजाब, यूपी, दिल्ली और अन्य राज्यों से ऑर्डर भी कम मिल रहे हैं। कोरोना से पहले वर्ष 2019 में पंचकूला मंडी में हिमाचल से करीब 30 लाख पेटी की आवक हुई थी। वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 9 लाख तक आ गया। इस बार अभी सीजन शुरू हुआ है।  

ओलावृष्टि से क्वालिटी अच्छी नहीं 

हिमाचल में इस बार 4 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होने की संभावना है। ओलावृष्टि के कारण सेब के साइज और क्वालिटी पर असर पड़ा है। सरकार द्वारा एमएसपी से इनकार करने के कारण और तीसरी लहर की चिंता से किसानों ने जल्दबाजी में अपनी फसल की तुड़ाई करके उसको बाजार में उतार दिया। बाजार में एक साथ अधिक सेब आने से रेट नीचे आ गए। हिमाचल में कोरोना नियमों की सख्ती का भी सेब कारोबार पर असर पड़ा है।  

सेब पर टैक्स खत्म करे सरकार: बृज मोहन 

सेब पर प्रदेश सरकार को दो प्रतिशत मार्केट फीस हटानी चाहिए। इसके लिए एसोसिएशन के सदस्य कृषि मंत्री जेपी दलाल से भी मिले थे। हिमाचल के किसान जब हिमाचल में टैक्स दे रहे हैं तो उनसे हरियाणा में 2 प्रतिशत टैक्स नहीं लेना चाहिए। कोरोना के चलते लोगों की आय कम होने से अन्य प्रदेशों से कम ऑर्डर आ रहे हैं, इससे आढ़ती समेत सभी के जीवन पर असर पड़ा है- बृज मोहन, सेब मंडी चंडीगढ़-पंचकूला, प्रधान।

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स्रोत: Amar Ujala