सब्जी, फूल और मसाला की खेती पर फोकस करेगी मध्य प्रदेश सरकार

September 05 2022

फसल विविधीकरण समय की मांग है, इसलिए केंद्र सरकार क्रॉप डायवर्सिफिकेशन पर काफी जोर दे रही है. मध्य प्रदेश सरकार ने इस बात को समझते हुए पहले से ही काम शुरू कर दिया था. यहां पारंपरिक फसलों की बजाय अब सरकार सब्जी, फूल और मसाला की खेती का विस्तार कर रही है. सरकार का दावा है कि 2022-23 में ही फल, पौध-रोपण में आम, अमरूद, नीबू, काजू, अनार, अंगूर, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, केला, आंवला और संतरा का उत्पादन 2 हजार हेक्टयर से अधिक क्षेत्र में हो रहा है.
सब्जी विस्तार क्षेत्र में भी फसल विविधीकरण का काम हो रहा है. इनमें टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, गिलकी, लोकी, भिण्डी आदि का उत्पादन लिया गया है. पिछले वर्ष की तुलना में सब्जी के साथ ही पुष्प क्षेत्र और मसाला क्षेत्र का विस्तार गतवर्ष की तुलना में 6.45 प्रतिशत अधिक हुआ है. प्रदेश में 137 उद्यानिकी नर्सरियों को स्व-सहायता समूहों से पीपीपी मोड पर सुदृढ़ीकरण के लिए चयनित किया गया. इससे 93 लाख 75 हजार पौधे तैयार किए गए.
कितनी कोल्ड स्टोरेज क्षमता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बागवानी खाद्य प्रसंस्करण विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए बताया कि प्रदेश में 14 लाख 28 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता के विकास का काम हो चुका है. इस वर्ष 25 हजार मीट्रिक टन क्षमता वृद्धि का लक्ष्य पूरा करने पर फोकस किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि एक जिला-एक उत्पाद” योजना में जिलों में बागवानी फसलों और उत्पादों की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग की गतिविधियां मिशन मोड पर की जाएं.
पोटैटो टिशु कल्चर पर होगा फोकस
सीएम ने बताया कि प्रदेश में 363 खाद्य प्र-संस्करण इकाइयां स्थापित की गई हैं. प्रधानमंत्री खाद्य उद्यम उन्नयन योजना में 212 और राज्य योजना में 151 इकाइयां स्थापित जा चुकी हैं, जो सराहनीय है. बागवानी विभाग दीर्घकालीन लक्ष्य में पोटैटो टिशु कल्चर एवं एरोपोनिक लैब, हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी स्थापित करने और 1500 सूक्ष्म खाद्य प्र-संस्करण इकाइयां लगाने के कार्यों को पूरा करने के लिए प्रयास बढ़ाए.
माइक्रो इरीगेशन के लिए निर्देश
चौहान ने अधिकारियों से कहा कि वे माइक्रो इरीगेशन बढ़ाने, किसानों के खेतों पर चेनलिंक फेसिंग, नर्सरी गौ-शालाओं के कन्वर्जेन्स से जैविक बागवानी, कृषक प्रशिक्षण, माली प्रशिक्षण और उद्यानिकी फसल क्षेत्र विस्तार के कार्यों को समय-सीमा में पूरा करें. वित्त वर्ष के अंत तक संभाग और विकास खण्ड स्तर पर कार्यालय सह प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना और मुरैना में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्रारंभ करने का कार्य भी पूर्ण किया जाए.
दस जिलों में बनेंगे ग्रीन हाउस क्लस्टर
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में फसलों की उत्पादकता में वृद्धि और विविधीकरण, कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रयास, प्रमाणित जैविक उत्पादन में वृद्धि, कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों का मूल्य संवर्धन के निर्देश दिए. बैतूल जिले में शेडनेट निर्माण का क्लस्टर विकसित किया गया. प्रदेश के दस जिलों भोपाल, सीहोर, उज्जैन, रतलाम, नीमच, बड़वानी, खण्डवा, खरगौन जबलपुर और छिंदवाड़ा में ग्रीन हाउस क्लस्टर विकसित किए जाएंगे.
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत:tv 9