शौक ने सुर्खियों में लाए विषण सिंह, कद्दू से कम नहीं दिखता इनका आम

August 31 2021

कई बार शौक आपको सुर्खियों में ले आता है। ऐसा ही किस्सा बिलासपुर के स्योथा गांव के सेवानिवृत्त मेजर विषण सिंह का है। शौक-शौक में इन्होंने फजली किस्म के आम के पौधे लगाए। आप हैरान होंगे कि पेड़ों पर एक किलो सात सौ ग्राम वजनी आम लगे हैं। इनका आकार कद्दू से कम नहीं दिखता।

इन्हीं पेड़ों पर एक किलो और डेढ़ किलो का फल भी लगा है। आम का आकार देखकर हर कोई हैरान हो रहा है। इस आम की पैदावार सीजन के अंत में होती है। बाजार में इसकी कीमत 80 से 90 किलो रहती है। हालांकि, विषण सिंह आम को बेचते नहीं। वे इसे रिश्तेदारों और गांव के लोगों में बांट देते हैं।

विषण सिंह ने बताया कि फजली किस्म की कलम करीब तीस साल पहले घुमारवीं की निहारी नर्सरी से लाई थी। आम के पेड़ करीब पचास फीट से भी ऊंचे हो चुके हैं। हर पेड़ में लगे आम का वजन एक किलो से अधिक है। कुछ आम 1700 ग्राम, 1300 ग्राम 1150 ग्राम के भी हैं। यह खाने में बहुत मीठा होता है।

खुशबू से अपनी ओर खींचता है आम

आम का छिलका काफी पतला होता है। आम हल्के पीले रंग का होता है और रस से भरा होता है। इसकी खुशबू लोगों को अपनी ओर खींचती है। बंगाल के अलावा पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी इसकी बड़ी मात्रा में पैदावर की जाती है।

छोटे पर 2 क्विंटल तो बडे़ पेड़ पर होती है 5 क्विंटल फसल

मेजर विषण सिंह ने बताया कि उनके बगीचे में फजली किस्म के छोटे पौधों में तीसरे साल दो क्विंटल के करीब आम लगते हैं। बड़े पेड़ों पर 5 क्विंटल तक की पैदावार होती है। वे फसल को बेचते नहीं हैं। बल्कि रिश्तेदारों और आसपास के लोगों में बांट देते हैं। बागवानी उनका शौक है, पेशा नहीं।

सहायक उद्यान विकास अधिकारी कंदरौर बृज लाल शर्मा ने बताया कि फजली किस्म का आम अक्तूबर महीने के अंत तक पककर तैयार होता है। कई बार आम में कीड़े की समस्या आती है। इसकी रोकथाम के लिए मैलाथ्यान दो एमएल एक लीटर पानी में थोड़ा गुड़ डालकर पेड़ पर छिड़काव करें। इसकी चटनी और आचार भी बनता है। इसके उत्पादन से लोग आर्थिकी मजबूत कर सकते हैं।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Amar Ujala