लहसुन उत्पादन में म.प्र. सबसे आगे

March 08 2022

देश एवं प्रदेश में महत्वपूर्ण मसाला फसल लहसुन का उत्पादन वर्ष 2020-21 में 31 लाख 84 हजार मीट्रिक टन हुआ है। इसमें म.प्र. सबसे आगे है। यहां 1 लाख 90 हजार हेक्टेयर में 19 लाख 56 हजार टन उत्पादन हुआ है जो सर्वाधिक है। म.प्र. पिछले तीन वर्षों में भी शीर्ष पर बना हुआ है। दूसरे नंबर पर राजस्थान आता है। यह जानकारी गतदिनों लोकसभा में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दी।

श्री तोमर ने बताया कि देश में म.प्र., राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और असम प्रमुख लहसुन उत्पादक राज्य है। उन्होंने बताया कि देश में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में 29 लाख टन लहसुन उत्पादन हुआ था वह लगभग 3 लाख हेक्टेयर बढक़र 31 लाख टन से अधिक हो गया है।

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि राज्यों के अनुरोध पर लहसुन सहित उन कृषि और बागवानी जिंसों की खरीद के लिए मंडी हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) कार्य करती है जो नाशवान प्रकृति की होती हैं। एमआईएस इन जिंसों के उत्पादकों को बम्बर आवक के दौरान जब पिछले सामान्य वर्ष की तुलना में उत्पादन में कम से कम 10 प्रतिशत की वृद्धि होती है या प्रचलित मंडी कीमतों में 10 प्रतिशत की कमी होती है, तो दबाव में बिक्री करने से बचाने के लिए कार्यान्वित किया गया है।

श्री तोमर ने बताया कि लहसुन सहित बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए समेकित बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) को कार्यान्वित कर रही है। एमआईडीएच के तहत, प्रकंद मसालों के क्षेत्रफल में विस्तार के लिए सहायता प्रदान की जाती है जिसमें एक किस्त में प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 हेक्टेयर की खेती के लिए 30,000 रुपए प्रति हेक्टेयर (अर्थात् अधिकतम 12,000 रु. /हेक्टेयर) 40 प्रतिशत लागत मानदंड की दर से लहसुन के लिए सहायता दी जाती है।

उन्होंने बताया कि सरकार एमआईडीएच योजना चल रही है, जिसमें क्षेत्र विस्तार, संरक्षित खेती, एकीकृत कीट प्रबंधन/एकीकृत पोषक प्रबंधन, जैविक खेती, जल संसाधन संरचनाओं के निर्माण, फसलोपरांत प्रबंधन, बाजार प्रांगणों का विकास, शीत भंडारण की स्थापना, मानव संसाधन विकास आदि जैसी गतिविधियों के माध्यम से लहसुन और प्याज सहित बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा देने योजना बनाई गई है।

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स्रोत: Krishak Jagat