बर्फबारी से सेब पेड़ों के लिए चिलिंग ऑवर्स की जरूरत पूरी

February 07 2022

हिमाचल प्रदेश में सेब के पेड़ों के लिए चिलिंग ऑवर्स की जरूरत पूरी हो गई है। सेब की जरूरत के अनुसार औसत तापमान 1200 घंटे से अधिक जरूरी रहता है। फरवरी की बर्फबारी से सेब बगीचों में लंबे समय तक नमी रहती है। मार्च में तापमान बढ़ने से सेब पेड़ों में एक साथ फूल खिलना शुभ माना जाता है। वर्ष 2021 में सेब की पैदावार 3.20 करोड़ पेटी हुई थी। इससे पहले साल भी सेब की पैदावार पौने तीन करोड़ पेटी रही है।

प्रदेश में गुरुवार को हुई बर्फबारी बगीचों के लिए अच्छी खुराक मानी जा रही है। बागवानी विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि बागवान मौसम साफ  रहते बगीचों के प्रबंधन में जुट जाएं। फरवरी में बागवानों को फलदार पेड़ों की काटछांट का कार्य पूरा करना होगा। इस समय फलदार पेड़ों को काटछांट के बाद कैंकर जैसी गंभीर रोगों से बचाने का उपाय भी करें। वैज्ञानिक सलाह से कीटों के हमले से बचाव को सेब पेड़ों में नीला थोथा, चूने और अलसी का तेल मिलाकर घोल बनाकर लेप करें।

इससे पेड़ों पर कीटों का हमला काफी कम होता है। बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज कहते हैं कि फरवरी में मौसम साफ रहते ही सेब पेड़ों की काटछांट कर पेड़ों में नीला थोथे का घोल तैयार कर पेड़ों पर लगाएं। इससे सेब पेड़ों को कीटों और कैंकर से बचा सकते हैं। फरवरी की बर्फबारी सेब बगीचों के लिए अच्छी है। लंबे समय तक बगीचों में नमी रहेगी।

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स्रोत: Amar Ujala