तापमान गिरने से बागवानों के खिले चेहरे, सेब की फसल के सौ घंटे के चिलिंग ऑवर्स पूरे

December 25 2021

तापमान गिरने से सेब बागवानों ने राहत की सांस ली है। दिसंबर में करीब सौ घंटे के आवर चिलिंग पूरे हो गए हैं। दिसंबर में कड़ाके की ठंड से आगामी सीजन में सेब पैदावार में वृद्धि होती है। दूसरे पखवाड़े में ठंड बढ़ने से चिलिंग ऑवर्स की जरूरत पूरी होने लगी है। सेब के लिए कम से कम 12 सौ से 14 सौ चिलिंग ऑवर्स की दरकार रहती है। बागवानी विशेषज्ञ मानते हैं कि  जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ेगी तो सेब के पेड़ों के लिए चिलिंग ऑवर्स पूरे हो सकेंगे।

बागवान लंबे समय से सेब के पेड़ों के लिए कड़ाके की ठंड का इंतजार कर रहे थे लेकिन दिसंबर का पहला पखवाड़ा सूखे में चला गया है। दिसंबर में तापमान औसत सात डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है। सेब के पेड़ों के लिए यह तापमान अच्छा माना जाता है। इस दौरान बर्फबारी हो जाए तो सेब उत्पादन के लिए सोने पर सुहागा हो जाएगा। इसके बाद पेड़ों में पत्तियां और फूल अच्छे खिलते हैं और फ लों खास कर सेब की सेटिंग अच्छी होती है।

बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज ने कहा कि अभी तक सौ चिलिंग ऑवर्स सेब के पौधों को को मिल चुके हैं। जनवरी और मध्यम फरवरी तक सेब को 12 सौ से 14 सौ चिलिंग ऑवर्स मिल जाएंगे। इससे सेब की आगामी सीजन में फसल अच्छी होगी। सेब के लिए बर्फबारी संजीवनी की काम करेगी।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Amar Ujala