छत्तीसगढ़ बना देश को 27 फीसद अलसी का बीज देने वाला राज्य

February 07 2022

औषधीय गुणों से भरपूर अलसी की प्रजनक बीज (ब्रीडर सीड) उत्पादकता में छत्तीसगढ़ सबसे आगे है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि वैज्ञानियों ने अलसी की कई नई किस्में इजाद करके इसके बीज उत्पादन में उपलब्धि हासिल की है। देश में कुल 101.17 क्विंटल प्रजनक बीज का उत्पादन होता है। इनमें 27.45 क्विंटल यानी करीब 27 फीसद अलसी के बीज का उत्पादन अकेले छत्तीसगढ़ कर रहा है। प्रजनक बीज से ही आधार बीज बनता है और वह किसानों तक पहुंचता है।

पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. दीपक शर्मा के मार्गदर्शन में कृषि विवि के कृषि विज्ञानियों ने इंदिरा अलसी-32, आरएलसी-133, आरएलसी-148, आरएलसी-161,एलसी-164, उतेरा अलसी-एक, उतेरा अलसी-दो जैसे नवीन किस्में विकसित की हैं जो कि अन्य व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए उपयुक्त हैं। विवि में अखिल भारतीय समन्वित अलसी अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत डा. संजय द्धिवेदी, डा. बीपी कतलम, डा. आशुलता , डा. नंदन मेहता, डा. केपी वर्मा आदि मिलकर काम कर रहे हैं।

औषधि, खाने-पीने से लेकर कारोबार तक इस्तेमाल

पिछले सालों में अलसी की मांग और उत्पादन दोनों में तेजी आई है। इसकी वजह है कि अलसी का औषधि में मांग होना बताया जा रहा है। ओमेगा-3, के उपयोग से खून में ट्राइग्सिराइड अथवा कोलेस्ट्राल के स्तर में कमी आती है। जो हृदय रोग, जोड़ों में दर्द, संधि शोध रोग आदि में लाभप्रद है। खासकर पेंट, वार्निश, साबुन, रंग, स्याही आदि बनाने में अलसी की उपयोगिता है। इसके अलावा अलसी गुड़ के लड्डू, अलसी की चिक्की, अलसी का मलाई केक, अलसी के बिस्किट, नान खटाई, चटनी पाउडर, मुखवास, फ्रूट सलाद के साथ खाने में इस्तेमाल किया जाता है।

भरपूर प्रोटीन और बसा

अलसी में 20 प्रतिशत प्रोटीन, 37 प्रतिशत वसा और 28 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट के अलावा ओमेगा-3 की भरपूर मात्रा रहती है जो कोलेस्ट्रोल, ह्रदय एवं गठिया रोग में लाभदायक होती है। इसमें मौजूद लीग्नेन नामक तत्व कैंसर जैसे घातक रोग को रोकने में वैज्ञानिक रूप में मददगार साबित हुआ है।

प्रदेश में बढ़ा अलसी का रकबा

एक आंकड़े के मुताबिक छत्तीसगढ़ में वर्ष 2014-15 में अलसी का रकबा 31 हजार हेक्टेयर और 12.3 हजार टन उत्पादन रहा है। अभी प्रदेश में अलसी का रकबा 64.08 हजार हेक्टेयर और 30.36 हजार टन उत्पादन होता है जो कि कुल उत्पादन के मामले में देश में चौथे स्थान पर है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, धमतरी और कांकेर प्रमुख उत्पादक जिले हैं। भारत में अलसी की खेती लगभग 2.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होती है। देश के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान व ओडिशा अलसी के प्रमुख उत्पादक राज्य है।

क्या होता है प्रजनक बीज?

केंद्रीय बीज से प्रजनक बीज स्वयं प्रजनक (वैज्ञानिक) के देख रेख में तैयार किया जाता है। यह केंद्रीय बीज की संतति होती है। यह बीज भौतिक और अनुवांशिक रूप से 100 शुद्ध होता है। प्रजनक बीज के बोरे में पीले रंग का टैग लगा होता है।

गुणवत्तायुक्त अलसी की मांग ज्यादा

औषधीय गुणों के कारण देश और विश्व के बाजारों में गुणवत्तायुक्त अलसी की मांग काफी ज्यादा है। बेहतर बाजार, मांग एवं मूल्य को देखते हुए अलसी फसल की खेती में काफी संभावना है। प्रदेश में विवि के कृषि विज्ञानी लगातार इस पर काम कर रहे हैं कि किसानों की आर्थिक उन्नति की जा सके- डा. एसएस सेंगर, कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय

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स्रोत: Nai Dunia