केला उत्पादन के लिए 40 फीसदी मिलता है अनुदान

March 04 2022

वर्ष 2020-21 के तीसरे अग्रिम बागवानी अनुमान के अनुसार, देश में केले का कुल रकबा 9.23 लाख हेक्टेयर है और उत्पादन 333.80 लाख टन (तीसरा अग्रिम अनुमान) हो गया है। यह जानकारी लोकसभा में देते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया समेकित बागवानी विकास मिशन के तहत, केला (जड़) और केला (टिशू कल्चर) के लिए, रोपण सामग्री, ड्रिप सिस्टम की लागत, एकीकृत पोषक प्रबंधन/ एकीकृत कीट प्रबंधन केनोपी प्रबंधन, आदि पर खर्च को पूरा करने के लिए क्रमश: 2 लाख रुपये प्रति हे. और 3 लाख प्रति हे. की अधिकतम लागत के 40 प्रतिशत की दर से सहायता प्रदान की जाती है।

श्री तोमर ने बताया रोपण सामग्री पर होने वाले व्यय तथा आईएनएम/आईपीएम की लागत को पूरा करने के लिए ड्रिप सिंचाई के साथ और सिंचाई के बिना समेकित पैकेज के तहत केले (जड़) के लिए 0.87 लाख प्रति हेक्टेयर और केला (टिशू कल्चर) के लिए 1.25 लाख रुपये प्रति हे. की अधिकतम लागत के 40 प्रतिशत की दर से सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि एमआईडीएच के तहत केले सहित जल्दी खराब होने वाली बागवानी फसलों के लिए प्रशीतन गृह, पकाई कक्ष और रीफर ट्रांसपोर्ट वाहनों की स्थापना के लिए ऋण सहायता भी प्रदान की जाती है। नुकसान को रोकने और केला सहित बागवानी उपज के बेहतर विपणन की सुविधा के लिए मंडी अवसंरचनाओं की स्थापना संग्रह, छंटाई/ग्रेडिंग, पैकिंग आदि के लिए कार्यात्मक अवसंरचना की स्थापना कूल चैंबर के साथ अचल/प्लेटफॉर्म की स्थापना के लिए भी सहायता प्रदान की जाती है।

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स्रोत: Krishak Jagat