किन्नू की खेती से किसान हो जाएंगे मालामाल, विदेशों में भी भारी डिमांड

December 14 2022

मौजूदा समय में हमारे देश के कई राज्यों जैसे- पंजाब, मध्यप्रदेश, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान में किन्नू की खेती (Kinnow Farming) की जाती है। पंजाब में पैदा होने वाली फ़सलों में किन्नू को प्रमुखता से गिना जाता है। भारत के लगभग हर क्षेत्र में किन्नू की खेती की जा सकती है। आज हम आपको किन्नू की खेती और उससे आमदनी के बारे में बताने जा रहे हैं।

ऐसे करें खेतीः एक एकड़ भूमि में किन्नू के 111 पौधे लगाए जा सकते हैं।

मिट्टी- किन्नू फल की खेती चिकनी मिट्टी, दोमट मिट्टी में आसानी से की जा सकती है। ध्यान रहे कि जिस भूमि पर आप इस फल की खेती करने की सोच रहे हैं वहां जल निकास का उत्तम प्रबंध होना चाहिए, क्योंकि अगर खेत में जलजमाव की स्थिति होगी तो आपकी फ़सल के ख़राब होने की सम्भावना रहेगी। मिट्टी का pH लेवल 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए, इस पीएच मान वाली मिट्टी में पौधे अच्छी तरह विकसित होंगे।

तापमान और बारिश- किन्नू की फ़सल (Kinnow Farming) के लिए तापमान (Temperature) 13 से 37 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। हार्वेस्टिंग तापमान 20 से 32 डिग्री सेल्सियस अच्छा माना जाता है। इस फ़सल के लिए 300 से 400 मिलीमीटर बारिश पर्याप्त है।

तुड़ाई- जनवरी से फ़रवरी के बीच जब आपके खेत में लगी किन्नू की फ़सल के फल आकर्षक लगने लगें तो समझ लीजिए कि अब आपकी फ़सल तैयार है। इस अवस्था में आपको इनकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए।

सुखाएं- डंडी या कैंची की मदद से तुड़ाई करने के बाद आप फलों को धोएं फिर छांव में सुखा लें। ध्यान रहे कि फल को धूप में कतई न सुखाएं।