बदलते मौसम के मिजाज से बढ़ी आम कारोबारियों की धड़कनें

May 14 2020

बेमौसम आंधी-बारिश किसानों का पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है। पिछले 20 दिन में चार बार आंधी-बारिश कहर बनकर टूटी है। मंगलवार को भी मौसम पल पल करवट बदलता रहा। आसमान में कभी बादल तो कभी चटकदार धूप खिली रही। बदलते मौसम के मिजाज के साथ आम कारोबारियों की धड़कने भी बढ़ रही हैं। किसानों को डर है यदि पांचवीं बार आंधी-बारिश ने दस्तक दी तो एक बार फिर आम को भारी नुकसान पहुंचेगा।

कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिलेभर में 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आम की खेती होती है। अमरोहा का आम देश-विदेशों तक निर्यात होता है, लेकिन वर्ष 2020 का यह साल किसानों के लिए कई मुसीबतें लेकर आया है। लॉकडाउन के चलते किसान की तमाम फसलें बर्बाद हो गई हैं। रही सही कसर बेमौसम आंधी-बारिश ने पूरी कर दी। लॉकडाउन के 20 दिन में चार बार आंधी-बारिश आम और गेहूं की फसलों पर आफत बनकर टूटी है। 

आंधी-बारिश होने पर भारी नुकसान के साथ किसान ने गेहूं की फसल को समेटा था। इसके बाद चेपा और गिडार ने आम की फसल को बर्बादी की कगार पर लाकर पटक दिया। बाद में आंधी ने कच्चा आम को जमीन पर पटक कर रख दिया। वैसे तो यह साल आम की अच्छी फसल वाला था, लेकिन पेड़ों को देखकर किसान मायूस हो जाते हैं। लगातार आंधी-बारिश ने करीब 35 से 40 फीसद आम की फसल को बर्बाद कर दिया है। मंगलवार को भी सुबह, दोपहर और शाम तक मौसम का मिजाज बदलता रहा। कभी आसमान में बादल छाए, तो चटकदार धूप ने अपने तेवर दिखाए।

बदलते मौसम के मिजाज के साथ आम कारोबारियों की धड़कने भी बढ़ती रहीं। आम कारोबारी जगदीश सिंह के मुताबिक पिछली चार आंधी-बारिश ने किसान और आम कारोबारियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। अगर फिर आंधी बारिश ने दस्तक दी तो आम को भारी नुकसान होना स्वाभाविक है।

बिन मौसम बारिश के कई कारण है। इसमें पश्चिमी विक्षेप, राजस्थानी चक्रवात, पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में नमी प्रमुख कारण है। इसके चलते मौसम बदल रहा है। मौसम परिवर्तित होने से बारिश हो रही है। - जेपी गुप्ता, निदेशक, आंचलिक मौसम अनुसंधान केंद्र


इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: अमर उजाला