सोयाबीन बचाने की मंत्री ने भी लगाई गुहार

August 26 2020

म.प्र. की प्रमुख खरीफ फसल सोयाबीन की स्थिति मौसम की बेरुखी के कारण गंभीर हो गई है। कहीं अधिक वर्षा, कहीं कम वर्षा एवं वायरस की चपेट में आने के कारण अफलन की स्थिति बन गई है तथा पत्ते पीले पड़ गए हैं। म.प्र. के लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने भी कैबिनेट बैठक मेंं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से राज्य में सोयाबीन फसल बचाने की गुहार लगाई है।

अपने फेसबुक पोस्ट पर पीली पड़ती सोयाबीन के फोटो लगाकर श्री भार्गव ने कहा है कि उनके विधानसभा क्षेत्र सहित राज्य के अनेक हिस्सों में मौसम की गड़बड़ी के कारण सोयाबीन में अफलन की स्थिति बन गई है तथा पत्ते पीले पडऩे लगे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वे करने के आदेश दिए गए है, फसल बीमा की प्रीमियम राशि जमा की जा चुकी है, सभी प्रभावित किसानों को नुकसान की भरपाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष राज्य में लक्ष्य से अधिक लगभग 58.43 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोई गई है। किसानों को बम्पर उत्पादन की उम्मीद भी है, परन्तु मौसम की मार ने उम्मीदें धूमिल कर दी है। पूरे प्रदेश से अफलन एवं पत्ते पीले पडऩे की शिकायत आ रही है किसान परेशान हो गए हैं।

बीमा कंपनियां फायनल नहीं

वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री फसल बीमा द्वारा किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने का आश्वासन दे रहे हैं परन्तु कोरोना काल में आर्थिक तंगी का सामना कर रही सरकार अब तक राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूरी तरह लागू नहीं कर पायी है। गजट नोटिफिकेशन द्वारा अधिसूचना जारी होने के बाद भी क्लस्टर वार फसल बीमा कंपनियों के कार्यरत जिले अब तक तय नहीं हो पाए हैं। जबकि कंपनियों के लिए तीन बार टेण्डर जारी किए जा चुके हैं परन्तु अब तक सरकार अंतिम निर्णय नहीं ले सकी है। खरीफ के लिए फसल बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 कर दिया गया है परन्तु 26 अगस्त तक भी क्लस्टर वार कंपनियों के कार्य करने के लिए आदेश जारी नहीं हो सका है।

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स्रोत: Krishak Jagat