सोयाबीन पर संकट

August 29 2020

म.प्र. के सोयाबीन किसानों पर फिर एक बार आफत आ गई है सोचा कुछ और था हो गया कुछ और। सोचा था फसल अच्छी स्थिति में हैं लहलहा रही है उत्पादन बेहतर होगा परंतु आफत की बारिश, वायरस ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। राज्य की प्रमुख खरीफ फसल सोयाबीन पर अतिवृष्टि, अफलन एवं कीट रोग के कारण गंभीर संकट मंडरा रहा है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक राज्य में लगभग 5 से 7 लाख हे. की फसल प्रभावित होने की संभावना है इसके साथ ही मक्का एवं उड़द फसल को भी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री स्वयं क्षेत्रों का दौरा कर फसल स्थिति का जायजा ले रहे हैं और मुआवजे का आश्वासन दे रहे हैं। पंरतु किसान हैरान परेशान है उसकी मेहनत पर फिर एक बार पानी फिर गया है।

प्रदेश में इस वर्ष 58.46 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोई गई है। इसमें सोयाबीन बाहुल्य मुख्यत: भोपाल, होशंगाबाद, उज्जैन एवं इंदौर संभाग है यहां सोयाबीन की लगभग दो-तिहाई क्षेत्र में बोनी की जाती है। भोपाल संभाग के संयुक्त संचालक कृषि श्री बी.एल. बिलैया ने कृषक जगत को बताया कि अब तक संभाग में 12.80 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोई गई है इसमें से 1.35 लाख हेक्टेयर की फसल को नुकसान हुआ है सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मक्का 72 हजार हेक्टेयर एवं उड़द लगभग 20 हजार हेक्टेयर में प्रभावित हुई है उन्होंने बताया कि सोयाबीन में मोजेक, स्टेम फ्लाई, स्टेम 215 का प्रकोप देखा गया है।

उज्जैन के संयुक्त संचालक श्री डी. के. पाण्डे ने बताया कि संभाग में 18.50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोई गई है इसमें प्रारंभिक आंकलन के मुताबिक 2 लाख हेक्टेयर की फसल प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि उड़द, मक्का, तुअर फसल को भी नुकसान हुआ है।

नुकसान की भरपाई फसल बीमा एवं राहत राशि को मिलाकर की जायेगी- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान देवास जिले की खातेगांव तहसील में सोयाबीन फसल में हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे। इस अवसर पर कृषि उपज मण्डी परिसर खातेगांव में किसानों एवं ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सोयाबीन फसल में हुए नुकसान की भरपाई की जायेगी। फसल बीमा एवं राहत राशि मिलाकर किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार किसानों के साथ खड़ी है।

फसल सर्वे की रिपोर्ट किसानों को भी मिलेगी : कृषि मंत्री

कृषि मंत्री श्री पटेल ने बताया कि वे मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगातार गाँवों का दौरा कर रहे हैं। अति-वर्षा की स्थिति में फसलों के खराब होने की आशंकाओं के मद्देनजर खराब फसलों के सर्वे का अभियान शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कलेक्टर्स को निर्देश दिये हैं कि गाँवों में मुनादी करवाकर सर्वे के लिये कैम्प लगायें। गाँवों में फसलों का व्यापक सर्वे करायें। सर्वे पर गाँव के सरपंच और ग्रामीणों के हस्ताक्षर करवाकर रिपोर्ट तीन प्रतियों में तैयार करें। रिपोर्ट की एक प्रति पंचायत भवन पर चस्पा करें और एक-एक प्रति संबंधित किसानों को भी दें। किसानों को बीमा लाभ के साथ ही आरबीसी-6 (4) में भी क्षतिपूर्ति दी जाएगी।

सोयाबीन बचाने की मंत्री ने भी लगाई गुहार

म.प्र. की प्रमुख खरीफ फसल सोयाबीन की स्थिति मौसम की बेरुखी के कारण गंभीर हो गई है। कहीं अधिक वर्षा, कहीं कम वर्षा एवं वायरस की चपेट में आने के कारण अफलन की स्थिति बन गई है तथा पत्ते पीले पड़ गए हैं। म.प्र. के लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने भी गत सप्ताह हुई कैबिनेट बैठक मेंं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से राज्य में सोयाबीन फसल बचाने की गुहार लगाई है।

राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम

प्रदेश में फसलों की निगरानी के लिए कृषि संचालनालय में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया है जिसका दुरभाष नं. 0755 -2558823 है। निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं।

 

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स्रोत: Krishak Jagat