रबी फसलों के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने सुझाई

September 10 2020

विश्व में जिस तरह से जलवायु परिवर्तन हो रहा है उसके लिए व्यापक कार्ययोजना की आवष्यकता है धरती के अधिक तापमान से कृषि उत्पादन प्रभावित हो रहा है। वर्तमान जलवायु परिवर्तन को देखते हुये खेती के स्वरूप को बदलने की आवष्यकता है। कृषि अनुसंधान से जुड़े वैज्ञानिकों के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है। आज कृषि की उन्नत तकनीकी सिंचाई, उर्वरक तथा कीटनाषकों के संतुलित उपयोग से उत्पादन अधिक प्राप्त किया जा सकता है। रबी मौसम में बोई जाने वाली फसलें इससे ज्यादा प्रभावित हो रही है। जनेकृविवि के कृषि वैज्ञानिकों ने आगामी रबी फसलों हेतु किसानों को को विपुल उत्पादन वाली किस्मों की जानकारी दी हैैं।

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक किसान भाई रबी फसलों के लिए यहाँ दी गयी किस्मों का उपयोग कर सकते हैैं । सरसों- पूसा अग्रणी, पूसा जगन्नाथ, पूसा गोल्ड, जे.एम. 1, आदि। चना- जे.जी. 16, जे.जी. 14, जे.जी. 36, जे.जी. 130, जे.जी. 63, आर.वी.जी. 201, आर.वी.जी. 202, जाकी 9218, विजय आदि। मसूर- जे.एल. 3, नूरी आदि। अलसी- जे.एल.एस. 9, जे.एल.एस. 27, जे.एल.एस. 95, जे.एल.एस. 79, रष्मि, पार्वती आदि। गेंहू की बुवाई हेतु उन्नत किस्में (एच.आई. 1544, एम.पी. 1202, जे. डब्ल्यू एस. 322, एम.पी. 3288, एच.डी. 2967, एच.आई 8713, एच.आई. 8773, एच.आई. 8957 आदि) का चयन करें। 15 अक्टूबर के बाद गेंहॅंू की बुआई का कार्य षुरू कर दंे। शरदकालीन गन्ने की बुवाई का कार्य प्रारंभ करें। रबी फसलों की बुवाई से पूर्व भूमि उपचार हेतु ट्राइकोडर्मा 5 कि.ग्रा./हे. का प्रयोग करें। बीज उपचार हेतु फफूंदनाषक कार्बनडेजीम या वीटावेक्स 2 ग्राम/कि.ग्रा. बीज की दर से प्रयोग करें।

 

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स्रोत: Krishak Jagat