मुरैना के सबलगढ़ में गाय के गोबर-मूत्र से काले गेहूं-चना और लाल भिंडी-मूली की खेती कर रहा युवा किसान

November 09 2020

मुरैना जिले के सबलगढ़ कस्बे के युवा किसान ने जैविक खेती में वो प्रयोग किए हैं जो ग्वालियर-चंबल तो क्या पूरे मध्यप्रदेश की धरती पर संभवत पहली बार है। मात्र एक बीघा जमीन में युवा किसान बिना केमिकल और खाद के काले गेहूं व चना से लेकर लाल रंग की मूली, भिंडी और अन्य कई तरह की सब्जी एवं फल उगा रहे हैं। सबलगढ़ कस्बे के देवाशीश सरकार नाम के युवा किसान ने एक बीघा जमीन में गाय आधारित जैविक खेती का प्रयोग शुरू किया। आज उनकी इस जमीन में लाल रंग की भिंडी, लाल रंग की मूली और लाल पत्ता गोभी खूब पैदा हो रही है, तो काले रंग के गेहूं और काले रंग के ही चना के पौधे भी लहरा रहे हैं। यह खेती पूरी तरह जैविक है। इनके छोटे से खेत में आलू, तीन तरह की तोरई, तीन प्रकार के बैगन और तीन तरह की ही लौकी के अलावा पालक, मैंथी, धनिया, लहसुन, फूल गोभी, शिमला मिर्च, चुकंदर, हरी मिर्च आदि सब्जियों की खेती हो रही है। युवा किसान देवाशीष की खेती के इस प्रयोग ने कई किसान और युवाओं को प्रेरित किया है। वह न सिर्फ जैविक खेती करते हैं बल्कि, उन किसानों को भी समझाइश देते हैं जो केमिकल और जहरीले खाद के भरोसे खेती करते हैं। युवा देवाशीष केमिकल वाली खेती से होने वाले नुकसान को सबलगढ़ क्षेत्र के किसानों को बता रहे हैं। उनका प्रयास गाय आधारित जैविक खेती को बढ़ावा देने का है। 

देश के कोने कोने से लाए देसी बीज

किसान देवाशीष ने जैविक खेती शुरू करने से पहले देशी नस्ल के बीजों की खोज की। उनके खेत में किसी भी तरह का हाइब्रिड या फिर केमिकल कोटेड बीज नहीं डाला जाता। वह देसी और जैविक बीज तलाशने के लिए देश के कई गांव से लेकर शहरों में गए। लौकी का देसी बीज लेने के लिए वह इंदौर के अविनाश दांगी के पास गए तो, बैगन, टमाटर, मूली आदि सब्जियों के बीज लेने मथुरा जिले के रालगांव तक पहुंचे। किसी ने गाजर के देसी बीज का पता राजस्थान के जोधपुर बताया तो वहां से देसी गाजर के बीज लेकर आए।

गोबर और मूत्र से बनाते हैं खाद हुआ स्प्रे

जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए वह गाय के गोबर का उपयोग करते हैं। सब्जियों में कीड़े नहीं लगे इसके लिए गाय के गोबर और मूत्र से स्प्रे बनाते हैं जो काफी कारगर है। किसान देवाशीष बताते हैं कि गाय का गोबर, मूत्र, चना दाल, पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे की मिट्टी को 200 लीटर पानी में घोलकर उसका स्प्रे फल व सब्जियों के पौधों पर करते हैं। इससे सब्जियों में कोई रोग या कि नहीं लगता।

खेत में कर रहे 5 लेयर की फसल

किसान देवाशीष ने कम जगह में ज्यादा फसलों की पैदावार करने के लिए अनोखा फार्मूला अपनाया है जिसे, वह 5 लेयर फार्मूला बताते हैं। इसके लिए वह जमीन के अंदर होने वाली मूली गाजर और आलू जैसी फसल करते हैं और जमीन के ऊपर उगने वाली धनिया, मेथी, पालक आदि सब्जियां उगाते हैं। हर 3 फीट पर वह बैगन, भिंडी, हरी मिर्च आदि के पौधे लगाते हैं तो, 10 सीट पर पपीता और सहजन के पेड़ लगाए हैं। हर 30 फीट की दूरी पर आम का पेड़ लगाया है। इसके अलावा लौकी, तोरई, सेम, कद्दू की बैलों को जमीन पर छोड़ने के बजाय उनके लिए मचान बनाया है। जिससे जगह का उपयोग दूसरी फसलों को करने में किया जाए।

 

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स्रोत: Nai Dunia