मशरूम उगाकर मिटाई गरीबी, मिला कृषि अनुसंधान केंद्र से अवार्ड

September 12 2020

वनांचल के एक युवा ने आयस्टर मशरूम उगारकर इतिहास रच दिया। उसने मशरूम उगाकर अपनी गरीबी तो मिटाई ही, कृषि अनुसंधान केंद्र से राष्ट्रीय अवार्ड भी हासिल कर लिया है। हम बात रहे हैं राजनांदगांव जिले के छुईखदान के गांव जंगलपुर के 25 वर्षीय युवक सौरभ जंघेल की।

बता दें कि सौरभ को आयस्टर मशरूम अनुसंधान निदेशालय आइसीएआर, सोलन (हिमाचल प्रदेश) ने राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया। वहीं आने वाले दिनों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से सितंबर में दिल्ली में होने जा रहे मशरूम सम्मेलन में सौरभ के उत्पादों की प्रदर्शनी लगेगी। सौरभ ने साल 2017 में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर से बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री ली और अपने गांव में जाकर मशरूम का उत्पादन शुरू कर दिया। वहीं इस कारोबार से गांव के ही 60 युवा और 40 से अधिक महिलाओं ने भी स्वरोजगार प्राप्त कर लिया। इसके अलावा महिला समूह, आम नागरिक को मुफ्त में प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।

मशरूम में है भरपूर प्रोटीन

वैज्ञानिकों के अनुसार मशरूम में भरपूर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिंस, रेशेदार तत्व, खनिज लवण, विटामिन डी समेत अनेक चिकित्सीय तत्व हैं। ताजे मशरूम का इस्तेमाल सलाद, सब्जी, सूप अन्य व्यंजनों में होता है। आयस्टर मशरूम भारत के अलावा अमेरिका, नीदरलैंड, फ्रांस, इटली, जापान आदि देशों में भी उगाया जाता है।

 

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स्रोत: Nai Dunia