तीन माह से बारिश न होने से किसानों की कुल्थ और माश की फसल बर्बाद

November 10 2020

पिछले तीन माह से बारिश न होने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। नूरपुर क्षेत्र में खेतों के लिए पानी की सुविधा न होने से वहां के किसान केवल बारिश के भरोसे ही खेती करते हैं। इस बार लंबे समय से बारिश न होने से फसलों को समय पर पानी नहीं मिल पाया। उपमंडल नूरपुर के सुलयाली क्षेत्र में होने वाली देसी कुल्थ व माश की फसल नष्ट हो गई है। क्षेत्र में देसी कुल्थ और माश का उत्पादन करने वाले अग्रणी किसान वरिंद्र पठानिया, कालू भडवाल, दच्छु जट्ट, अरुण पठानिया और चमन सिंह आदि ने बताया कि इस क्षेत्र की देसी कुल्थ दाल की उत्तर भारत में काफी मांग रहती है। जल्दी व स्वादिष्ट बनने वाली यह देसी दाल कुछ विशिष्ट औषधीय गुणों से चलते पथरी की दवाई बनाने में भी प्रयुक्त होती है। देसी माश भी जल्द पकने और स्वादिष्ट बनने के कारण मांग पर रहते हैं। किसानों ने फसल को जानवरों को खाने के लिए छोड़ दिया है। फसल का उत्पादन करने वाले कृषक वीरेंद्र पठानिया ने बताया कि प्रतिवर्ष देसी माश व कुल्थ से एक लाख से ज्यादा की आमदन हो जाती थी। इसके अलावा कालू ने बताया कि देसी दवाई बनाने वाली कंपनी भी प्रति वर्ष 40 हजार से अधिक की कुल्थ दाल ले जाते थे। किसानों ने सरकार से फसल खराब होने पर मुआवजे की गुहार लगाई है।

 

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स्रोत: Amar Ujala