खराब हुई सोयाबीन की फसल काटकर फेंक रहे किसान

September 07 2020

सोयाबीन फसल को इस बार बीमारियों एवं कीट-व्याधियों ने ऐसा घेरा कि खेत तबाह हो गए। मुरझाकर फसल नष्ट होने लगी। किसानों पर तो दुख का पहाड़ टूट पड़ा। सूखे पौधों को किसान निकालकर फेंकने को मजबूर हैं।

जिले में इस बार किसानों ने बड़े उम्मीदों के साथ फसलों की बुआई की। मानसून की शुरूआत में बारिश भी अच्छी हुई। जिले में दो लाख 76 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन फसल की बुआई की। जून, जुलाई में बोई गई फसल अब दो माह की हो चुकी थी, लेकिन फसलों में सफेद मक्खी, पीला मोजेक रोग ने घेर लिया। कुछ ही दिन के भीतर फसलें पीली पड़कर मुरझाने लगीं। फसलों में बीमारियां तेजी से फैली। आंखों के सामने फसल नष्ट होती देख किसान की आंखों से आंसू निकल आए। मुआवजा व फसल सर्वे को लेकर किसान प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के समक्ष लगातार पहुंचे। इसके बाद अब गांव-गांव में पटवारी जाकर सर्वे कर रहे हैं।

15 बीघा की फसल खराब

समीपस्थ ग्राम टुकराना के कृषक हरिओम गामी बताते हैं कि उन्होंने करीब 15 बीघा क्षेत्र में सोयाबीन फसल की बुआई की थी। बीज बोने से लेकर दवा का छिड़काव, देखरेख आदि पर पूरा ध्यान दिया। फसल दो माह के आसपास की हो रही थी, लेकिन इस दौरान बीमारियों ने फसल को नष्ट कर दिया। अब खराब हुई फसल को खेत से हटाने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को पटवारी मनोज शर्मा, ग्राम सेवक राजेंद्र शर्मा आदि सर्वे ने खेत में सर्वे भी किया।

06 एसजेआर 16-टुकराना में खराब हुई फसल।

06 एसजेआर 17-खराब फसल की कटाई कर फेंका जा रहा है।

 

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स्रोत: Nai Dunia