कोरोना काल में किसानों ने भरी सरकार की झोली

September 07 2020

सार

  •  लॉकडाउन के बावजूद सहकारी समितियों को लौटाए 231.34 करोड़ 
  •  समितियों को ऋण वापसी में जिले के किसानों का प्रदेश में दूसरा स्थान

विस्तार

कोरोना संक्रमण काल में बदहाली से जूझती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए किसानों ने न केवल अन्न का सहयोग किया, बल्कि नगदी से भी सरकार की झोली भरी। लॉकडाउन झेलने के बावजूद जिले के किसानों ने सहकारी समितियों से लिए ऋण का 231.46 करोड़ रुपया वापस किया है। इसमें से ज्यादातर तो 30 जून तक ही जमा कर दिया गया था।

लॉकडाउन के बाद उपजे आर्थिक संकट के कारण हर वर्ग परेशान है, लेकिन किसान हर मोर्चे पर बिगड़े हालातों से टक्कर ले रहे हैं। लॉकडाउन में सब कुछ बंद होने के बावजूद किसान खेती में जुटे रहे। न केवल अन्न से देश के गोदाम भरे बल्कि चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार का खजाना भी भरा है। सहकारी समितियों से लिए गए कृषि ऋण में से किसानों ने 31 अगस्त तक 94.46 प्रतिशत जमा कर दिया है।

समितियों का किसानों पर 244.92 करोड़ रुपया बकाया था, जिसे 30 जून तक जमा करना था। सरकार ने लॉकडाउन को देखते हुए 31 अगस्त तक की मोहलत दे दी थी। जिले के किसान इस अवधि तक 231.34 करोड़ रुपये जमा कर चुके हैं। कुल लिए गए ऋण का 91 प्रतिशत तो 30 जून तक ही जमा कर दिया गया था। समितियों का ऋण वापस करने के मामले में जिले के किसानों ने प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है।

देरी से जमा करने पर बढ़ जाता है ब्याज

जिले में 29 साधन सहकारी तथा तीन गन्ना समितियां हैं। इन समितियों का 40 हजार 662 किसानों पर 244.92 करोड़ का ऋण बकाया था। किसान यदि 30 जून तक ऋण जमा कर देते हैं तो उन्हें ब्याज में छूट मिलती है, लेकिन इसके बाद जमा करने पर ब्याज दर बढ़कर 12 प्रतिशत तक हो जाती है। 

किसान सबसे बड़ा देशप्रेमी : राकेश टिकैत 

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि किसान से बड़ा देशप्रेमी कोई नहीं है। देश पर जब भी कोई संकट आता है तो किसान सबसे आगे खड़ा होता है। किसानों ने पुलिस के डंडे खाकर भी अपना काम बंद नहीं किया।

केंद्र सरकार ने जो राहत पैकेज देने की घोषणा की है उसमें किसानों को लाभ देना चाहिए। किसान ही देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। सब कुछ बंद होने के बावजूद किसानों ने अपना काम बंद नहीं किया। अपने पशुओं, पड़ोसियों और बाहर से आने वाले मजदूरों को भी सहारा दिया।

समितियों से लिए ऋण की स्थिति 

कुल समितियां : 31

ऋणधारक किसान: 40662

लिया गया ऋण : 244.92 करोड़

जमा किया ऋण : 231.34 करोड़

जमा ऋण का प्रतिशत: 94.46

इन्होंने कहा...

ऋण की वापसी में जिले की सहकारी समितियों ने प्रदेेश में दूसरा स्थान पाया है। किसानों ने लिए गए ऋण का 31 अगस्त तक 94.46 प्रतिशत वापस कर दिया है। - राजवीर सिंह, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक, सहकारिता।

 

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स्रोत: Amar Ujala