कृषि वैज्ञानिकों ने फाल आर्मी वर्म के नियंत्रण के लिए कृषकों को दी सलाह

August 26 2020

मक्का फसल में एक नया कीट फाल आर्मी वर्म जो बहुभक्षी व तम्बाकू की इल्लियों के परिवार का है, इस कीट के जीवनचक्र व वर्तमान में वातावरण की नमी व तापमान को देखते हुए इस कीट का प्रकोप होने की संभावना है। यह कीट बहुत तेजी से फैलकर पूरे फसल को नष्ट कर सकता है।

इस कीट की लार्वा अवस्था सबसे विनाशकारी अवस्था है, यह इल्ली रात्रिचर होती है तथा इसके माथे पर एक उल्टा वाय जैसा लिखा हुआ प्रतीत होता है व इसके अंतिम भाग पर चार वर्गाकार दाने पाए जाते है, यह इस लार्वा की विशिष्ठ पहचान है। छोटी लार्वा पौधों की पत्तियों को खुरचकर खाती है जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देते है। जैसे-जैसे लार्वा बड़ी होती है पौधों की ऊपरी पत्तियों को खा जाती है और लार्वा बड़ा होने के बाद मक्का के गाले में घुसकर पत्तियां खाती रहती है।

पत्तियों पर बड़े गोल-गोल छिद्र एक ही कतार में नजर आते है। प्रकोप अधिक होने पर 10 से 15 दिन में यह पूरे फसल से नष्ट कर सकता है। कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर के वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को सलाह दिया जाता है कि फाल आर्मी वर्म के नियंत्रण के लिए चार-पांच फीरोमोन ट्रेप प्रति एकड़ में लगाए साथ ही प्रकोप अधिक होने पर इमामेक्टीन बेंजोएट को 0.5 मिली. प्रति लीटर पानी में या कोलेरेंटरानिलीप्रोल 18.5 प्रतिशत को 0.4 मिली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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स्रोत: Nai Dunia