कृषि के विज्ञान में उज्ज्वल भविष्य की अपार संभावनाएं

July 15 2021

ज्ञान विज्ञान की श्रृंखला के कड़ी में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की ओर से कृषि विज्ञान की पढ़ाई और करियर की संभावनाएं विषय पर आनलाइन वेबिनार आयोजित की गई। यह बातें कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मोटिवेशनल स्पीकर एवं विज्ञान सभा के रिसोर्स पर्सन बीके लाल ने कहीं। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता से रूप में डा योगेश कुमार मेश्राम असिस्टेंट प्रोफेसर शासकीय कृषि महाविद्यालय एवं डा अंबिका टंडन असिस्टेंट प्रोफेसर आइजेकेवीवी की ओर से आधार व्यक्तव्य दिया गया। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान देने वाले कृषि के क्षेत्र में नई रोजगार की संभावनाओं को बहुत ही विस्तार से बताया गया तथा विद्यार्थियों को कृषि विज्ञान की पढ़ाई के लिए प्रमुख कृषि संस्थानों, उनमें उपलब्ध विभिन्ना कोर्स, कोर्स की अवधि। यह कोर्स कहां-कहां उपलब्ध हैं। अनुमानित शुल्क के विस्तार से पावर पाइंट प्रजेंटेशन से जानकारी दी गई। कार्यक्रम अत्यंत ज्ञानवर्धक रहा। इस में विज्ञान सभा की प्रदेश सह सचिव निधि सिंह, कोरबा इकाई से सह सचिव अविनाश यादव, कोषाध्यक्ष रेखा शर्मा, प्रकाश तेंदुलकर व लोकेश्वरी दास उपस्थित रहे।

विशेषज्ञों का मार्गदर्शन यूट्यूब में अपलोड

कार्यक्रम का संयोजन विज्ञान सभा के विश्वास मेश्राम एवं संचालन अंजू मेश्राम व अजय भोई ने किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए मनीषा चंद्रवंशी इस विषय स्कूली विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र में पढ़ाई के अवसरों के संबंध में वक्ताओं से सवाल जवाब के लिए प्रोत्साहित किया। विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों के सवालों का विस्तार से जवाब दिया। यह मार्गदर्शन कार्यक्रम यूट्यूब में भी अपलोड है, जिससे भविष्य में भी विद्यार्थियों और उनके पालकों को मार्गदर्शन लेकर कृषि के क्षेत्र में नए फील्ड में अपना करियर बनाया जा सकता है।

वर्तमान समय में उच्च शिक्षा के लिए अहम

छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के अध्यक्ष और प्रसिद्ध टेक्सोनामिस्ट प्रोफेसर डा एमएल नायक ने वर्तमान समय में उच्च शिक्षा के लिए कृषि विज्ञान की पढ़ाई के लिए देश भर के छात्र-छात्राओं का आह्वान किया। उन्होंने इस वेबिनार के वक्ताओं डा. अंबिका टंडन, डा योगेश कुमार मेश्राम की ओर से दिए गए मार्गदर्शन को अत्यधिक उपयोगी बताया। अध्यक्षता कर रहे प्लानर व मोटिवेशनल स्पीकर स्टेट रिसोर्स पर्सन बी के लाल के आकड़ों व सूचनाओं की सराहना की। अंत में आभार ज्ञापन विज्ञान सभा के राज्य सचिव व पर्यावरण वैज्ञानिक डा वायके सोना ने किया।

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स्रोत: Nai Dunia