किसानों को आसानी से मिल सकेगा लोन, यह बैंक सेटेलाइट से जुटाएगा मिट्टी, सिंचाई व फसल के आंकड़े

August 27 2020

किसानों के क्रेडिट असेसमेंट के लिए डाटा का प्रयोग किया जाएगा. देश में ऐसा प्रयोग करने वाला आईसीआईसीआई बैंक पहला बैंक बनेगा. वहीं बैंक विश्व में ऐसा करने वालो में चुनिंदा बैंको की लिस्ट में शामिल हो जाएगा. बैंके द्वारा इस बात की जानकारी मंगलवार को दी गयी. इसमें बैंक से जुड़ी आगे जानकारी दी गई कि बैंक कृषि क्षेत्र में अपने ग्राहकों की साख का आकलन करने के लिए पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले सैटेलाइट डेटा-इमेजरी का उपयोग करेगा. बैंक को इससे किसानों के लोन आवेदनों के बारे में सैटेलाइट डेटा के जरिए उनकी साख जानकर तुरंत निर्णय लिया जा सकेगा. इसकी मदद से किसान अपनी मौजूदा साख को भी बढ़ा सकेंगे.

सैटेलाइट डेटा-इमेजरी का प्रयोग करने से बैंक को काफी सहूलियत होगी और वो संपर्क रहित तरीकों से किसानों की जमीन का सत्यापन कर सकेंगे. इसकी मदद से किसानों के लोन के मूल्यांकन में लगने वाले समय को भी घटाया जा सकेगा. आमतौर पर बैंक अधिकारियों को मिट्टी, फसल और सिंचाई जैसी चीजों को जानने के लिए ग्राहकों के जमीन का दौरा करना पड़ता है लेकिन सैटेलाइट डेटा-इमेजरी का प्रयोग करके वो इससे बच सकेंगे. इसके उपयोग से लॉजिस्टिक लागत को भी बचाया जा सकता है और बैंको को विश्वसनीय जानकारी भी प्राप्त होगी.

अगर बीते दिनों की बात करें तो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में आईसीआईसीआई बैंक द्वारा 500 से ज्यादा गावों में डेटा का इस्तेमाल किया है. वहीं आगे के लिए बैंक ने जल्द ही 63,000 से अधिक गांवों के लिए सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल करने का लक्ष्य रखा है. बैंक द्वारा इस योजना के लिए एग्री-फिनटेक कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है.इन कंपनियों के पास स्पेस टैक्नोलॉजी के वाणिज्यिक उपयोग और मौसम की जानकारी पता लगाने में विशेषज्ञता है. मिट्टी, सिंचाई व फसल के पैटर्न का अध्ययन कर किसानों की साख का आकलन करने व 40 से अधिक मानदंडों के साथ रिपोर्ट तैयार करने के लिए बैंक इन कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं.

सैटेलाइट का उपयोग बैंक द्वारा आंकड़ें जुटाने में किया जाता है इसके साथ ही इससे किसानों की साख का भी पता किया जाता है. इसमें कई अन्य डेटा भी जुटाया जाता है जैसे पिछले सालों में बारिश व तापमान का रिकॉर्ड, पिछले वर्षों में जमी मिट्टी की नमी का लेवल, पानी की उपलब्धता, कृषि भूमि के स्थान का पूर्ण विवरण, फसल परिवर्तन की प्रवृत्ति इत्यादि अन्य प्रकार की कई चीजें.

 

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स्रोत: Krishi Jagran