कृषि में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे रेडिएंट म्यूटेंस सीड                                        
                                        
                                            
                                            August 22 2019                                        
                                    
                                    यदि सब कुछ सही रहा तो निकट भविष्य में कृषि में ऐसा क्रांतिकारी बदलाव आएगा जिससे किसानों को बार-बार बीज, खाद और कीटनाशकों को खरीदकर छिड़कने की झंझट से मुक्ति मिल जाएगी, साथ ही किसानों की आय भी दुगुनी हो जाएगी, जो कि सरकार का मकसद है। यह सब सम्भव होगा रेडिएंट म्यूटेंस सीड से जिसे भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) के न्यूक्लीयर एग्रीकल्चर एंड बायोटेक्नालॉजी डिवीजन ने तैयार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) के न्यूक्लीयर एग्रीकल्चर एंड बायोटेक्नालॉजी डिवीजन ने गामा किरणों के रेडिएशन से अरहर/उड़द जैसी दलहन और सरसों/मूंगफली जैसी तिलहन फसलों की 42 किस्म के रेडिएंट म्यूटेंस सीड तैयार किए हैं। इन विशेष बीजों की विशेषता यह है कि इनके उपयोग के बाद किसानों की बीज, खाद और कीटनाशकों पर होने वाले खर्च पर लगाम लग जाएगी, क्योंकि इन बीजों की फसलों पर कोई कीट नहीं लगेंगे। उत्पादन भी गुणवत्तायुक्त होकर कई गुना ज्यादा होगा।  बार्क के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जे. सुब्रमण्यम के अनुसार म्यूटेशन ब्रीडिंग में 15 साल से भी ज्यादा वक्त लग जाता है, लेकिन गामा रेडिएशन से म्यूटेशन की प्रक्रिया तेज हो जाती है। आपने कहा कि उड़द की फसल के पत्तों के पीले पडऩे को दृष्टिगत रखते हुए कोटा कृषि वि.वि. में रेडिएशन लगे बीज दिए गए हैं, जहां दो साल से प्रयोग किया जा रहा है। इन बीजों की फसल अच्छी होगी तो बाद में पूरे कोटा संभाग में इनका उत्पादन किया जाएगा। 
बार्क का रेडिएंट म्यूटेंस सीड वाला प्रयोग यदि सफल रहा तो देश में रेडिएशन वाले बीजों की न केवल मांग बढ़ेगी, बल्कि कृषि की दशा और दिशा दोनों ही बदल जाएगी।
 
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स्रोत: कृषक जगत