व्यापारियों व गन्ना किसानों के लिए मुसीबत बना रेलवे दोहरीकरण

September 08 2020

रेलवे दोहरीकरण भले ही आमजन के लिए फायदा करेगा लेकिन यहां कि गन्ना किसानों व दुकानदारों के लिए यह किसी मुसीबत से कम नहीं है। किसानों के लिए गन्ने ले जाने का रास्ता संकरा हो गया है तो दुकानदारों की दुकानें ही यहां उजड़ गई हैं। लेकिन रेलवे व प्रशासन के पास अभी तक कोई इन पीड़ितों के लिए प्लान नहीं है।

सकौती बाजार की बात करें तो यहां से एक दर्जन से अधिक गांव के लोग जुड़े हैं, जो दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाले सामान की यहां से खरीदारी करते हैं। दौराला, खतौली व सरधना दूर होने के कारण एक दर्जन गांव सकौती बाजार पर ही निर्भर है। यहीं, बाजार स्थित आईपीएल चीनी मिल से भी सकौती क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गन्ना किसान जुड़े है। रेलवे दोहरीकरण होने के कारण बाजार का रास्ता व व्यापारियों की दुकानों को रेलवे अधिग्रहण कर रहा है। जिस कारण व्यापारी बेरोजगार तो रास्ता खत्म होने से किसानों के सामने आगामी पेराई सत्र में गन्ना ले जाने का संकट सामने खड़ा है।

आधा पहले, बाकी अब उजड़ गया बाजार

व्यापारी ब्रजपाल का कहना है कि सकौती से दादरी जाने के लिए ओवरब्रिज का निर्माण होने से सकौती का आधा बाजार पहले ही उजड़ गया था। बचा हुआ बाजार रेलवे के अधिग्रहण करने से उजड़ गया। जमीन महंगी है। अब दोबारा रोजगार कैसे शुरू करें।

अंडर पास में पानी भरने की रहेगी समस्या

किसान सुभाष व कुलदीप का कहना है कि जिले में अभी तक जहां-जहां अंडर पास बने हैं वहां बारिश के दौरान पानी भरने की समस्या सामने आई है। खरखौदा के अंडर पास में तो जलभराव की समस्या इस कदर हो जाती है कि वहां बस भी डूब जाए। यही समस्या सकौती क्षेत्र के किसानों के सामने आने वाली है। बाजार व सड़क को खत्म कर रेलवे अंडर पास बना रहा है। परंतु अंडर पास के नीचे से गन्ने की भैंसा-बुग्गी व ट्रैक्टर-ट्राली निकलना मुश्किल है।

 

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स्रोत: Amar Ujala