प्लम पर मौसम की मार, तापमान घटा तो बरबाद हो जाएगी फसल

February 22 2021

मौसम की मार से इस साल प्रदेश में प्लम की पैदावार घट सकती है। इन दिनों तापमान में चल रहे उतार-चढ़ाव के कारण प्लम के पौधों पर असमय फूल आना शुरू हो गए हैं। यह सामान्य से 15 से 20 दिन पहले है। आने वाले दिनों में अगर बारिश या बर्फबारी से तापमान गिरता है तो प्लम का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।

शिमला जिले के जुब्बल निवासी एवं बागवानी विवि नौणी के पूर्व वाइस चांसलर विजय सिंह ठाकुर ने बताया कि 7300 फीट ऊंचाई पर उनके बगीचे में सामान्य से करीब एक महीने पहले प्लम में फ्लावरिंग हो रही है। जमीन में नमी न होने और तापमान बढ़ने से ऐसा हो रहा है।

हिमाचल प्लम ग्रोवर फोरम के संस्थापक दीपक सिंघा ने कहा कि प्लम के पौधों पर समय से पहले फूल आने से फसल प्रभावित होने का अंदेशा है। यंग एंड यूनाइटेड ग्रोवर्स एसोसिएशन के महासचिव प्रशांत सहेटा ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले करीब 15 और सामान्य के मुकाबले 20 दिन पहले फ्लावरिंग हो रही है। 

ठंड पड़ने से गिर सकते हैं फूल : डॉ. देशराज 

उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. देशराज शर्मा ने कहा कि तापमान में बढ़ोतरी से प्लम में फ्लावरिंग हो रही है। प्लम के पौधों पर फूल आने की प्रक्रिया लंबी चलती है। अगर ठंड पड़ने से फूल पूरी तरह गिर जाएं तो फसल प्रभावित हो सकती है। 

सालाना 15 हजार मीट्रिक टन उत्पादन 

हिमाचल में सालाना 12 से 15 हजार मीट्रिक टन प्लम का उत्पादन होता है। शिमला, कुल्लू और मंडी के अलावा सोलन, सिरमौर में भी प्लम का उत्पादन हो रहा है। ब्लैक अंबर, फ्रायर, एंजिलीनो और फाच्यून के अलावा मैरीपोजा, सेंटा रोजा और रेड ब्यूट किस्म का प्लम हिमाचल में पैदा होता है।

 

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स्रोत: Amar Ujala