पोपलर की खेती की ओर बढ़ा रुझान, लकड़ी की मांग बढ़ने से दाम में भी आया उछाल

February 22 2021

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में किसानों ने एक बार फिर से पोपलर की खेती की ओर रुख किया है। किसान बड़ी तादाद में पोपलर की पौध लगा रहे हैं। गन्ने का भुगतान में देरी होने के साथ-साथ पोपलर के दामों में चल रहे उछाल को इसकी वजह माना जा रहा है। 

पोपलर के खेतों में गन्ने के साथ गेहूं, अदरक, हल्दी की खेती भी की जा सकती है। गन्ना जिले की मुख्य फसल है और किसान इससे किनारा करने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन इस बार किसानों में पोपलर की खेती का चलन भी देखने को मिल रहा है।

आमतौर पर जिले के किसान खेतों की डोल के पास पोपलर लगाते थे लेकिन इस बार पूरे ही खेत में पोपलर की खेती की जा रही है। लॉकडाउन से पहले पोपलर की लकड़ी 700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद पोपलर की लकड़ी के दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल तक रह गए थे। अब भाव एक बार फिर से चढ़ गए हैं। लकड़ी 800 से 850 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है।

मार्च के पहले सप्ताह तक पोपलर खेत में लगाया जा सकता है। जिले के किसान काफी संख्या में इस बार पोपलर लगा रहे हैं। खासतौर से गंज क्षेत्र के गांवों में पोपलर की खेती का ज्यादा रुझान देखने को मिल रहा है। एक बीघा खेत में पोपलर की 50 पौध लग सकती है। छह साल में एक पेड़ का वजन तीन क्विंटल तक हो जाता है। 

अगर इस समय किसी के खेत में पोपलर की फसल तैयार खड़ी हो तो उसे एक बीघा जमीन से एक लाख 20 हजार रुपये तक मिल सकते हैं। इसके अलावा शुरू के दो साल खेत में गन्ना तथा बाकी चार साल में गेहूं, अदरक, हल्दी, चारा आदि फसल बोई जा सकती हैं। खारी निवासी संदीप महर्षि ने 20 बीघा जमीन में पोपलर लगाए हैं।

पौध की बढ़ी मांग

विमको कंपनी के मैनेजर डीपी सिंह के अनुसार पहले कंपनी दस एकड़ जमीन में पौध तैयार करती थी। इस बार करीब 20 एकड़ जमीन में पौध तैयार की गई हैं। पौध की बहुत मांग आ रही है। इस बार नई पौध डब्लूएसएल 112 भी आई है। इसके दाम सामान्य फसल से अधिक मिलते हैं।

 

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स्रोत: Amar Ujala