छत्तीसगढ़ में कृषि उत्पाद केंद्र से किसानों की बढ़ेगी आय

March 09 2021

कृषि के क्षेत्र में उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा की गई पहल अब रंग लाने लगी है। कृषि उद्यमिता विकास के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण रहा है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एसके पाटील ने बताया कि विक्रय केंद्र ट्रायफेड (ट्रायबल काॅपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) एवं आर्या (अट्रैक्टिंग रूरल यूथ इन एग्रीकल्चर) द्वारा संचालित होगा।

साथ ही क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन भी किया गया और विभिन्न कृषक उद्यमियों द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन तथा विक्रय भी किया गया। ज्ञात हो कि कुलपति डाॅ. पाटील ने ग्राम-कुकरा (आरंग) में कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के मार्गदर्शन में गठित आरूग कृषक उत्पादक कम्पनी और ग्राम लखौली (आरंग) में कम्पनी के विक्रय केन्द्र का उद्घाटन किया था।

विक्रय केन्द्र खुलने से कृषि उद्यमिता विकास से जुड़े कृषक उत्पादक संगठनों, महिला स्व-सहायता समूहों तथा कृषि उद्यमियों को अपने उत्पादों के विक्रय के लिए उपयुक्त स्थान मिलेगा तथा क्रेताओं को अच्छे गुणवत्तायुक्त उत्पाद क्रय करने की सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा ट्रायबल काॅपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (ट्रायफेड) के मध्य अनुबंध का संपादन होने से ट्रायफेट द्वारा निर्मित उत्पादों का विक्रय कृषि विश्वविद्यालय के विक्रय केन्द्रों से किया जा सकेगा।

वहीं, कृषि विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के निर्देशन में गठित कृषक उत्पादक संगठनों, स्व-सहायता समूहों एवं कृषि उद्यमियों द्वारा निर्मित उत्पादों का विक्रय ट्रायबल इंडिया के आउटलेट से हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि आज विभिन्न ई-काॅमर्स प्लेटफार्म के आ जाने से ऐसे उत्पादकों को अपने उत्पादों को विक्रय करने के लिए विक्रय केन्द्रों की ज्यादा आवश्यकता नहीं रही और वे अपने उत्पाद इन ई-काॅमर्स एप्स के माध्यम से आसानी से विक्रय कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि रायपुर कृषि विज्ञान केन्द्र के मार्गदर्शन में संचालित आरूग कृषक उत्पादक कम्पनी आज रेड राइस, ग्रीन राइस, जिंक राइस, प्रोटेजिन, जवांफूल चावल आदि का जैविक विधि से उत्पादन कर इन्हें अच्छे दामों पर बेच रहा है।

 

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स्रोत: Nai Dunia