एक साथ एक ही पौधे पर उगाएं आलू-टमाटर

December 21 2021

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के विशेषज्ञों ने एक ही पौधे पर आलू-टमाटर का उत्पादन करने का फार्मूला पूरा कर लिया है। तीन साल से चल रहे अनुसंधान के बाद आलू-टमाटर पौधों के कलम बांधकर (ग्राफ्टिंग टेक्नालाजी) पौधे तैयार किए गए हैं। इसे खेत में लगाने पर ऊपर टमाटर और जड़ में आलू की पैदावार होती है। एक पौधे पर प्रयोग सफल होने के बाद अब किसानों के खेतों तक इसके पहुंचाने के लिए उद्यानिकी विभाग ने भी सहमति जताई है। इसे कृषि विज्ञानियों ने पोमैटो नाम दिया है।

लागत कम और मुनाफा ज्यादा

कृषि विज्ञानियों के मुताबिक दोनों ही पौधे के तैयार होने का समय, खाद और पानी की मात्रा समान होने के कारण ग्राफ्टिंग टेक्नालाजी से पोमैटो तैयार किया गया है। टमाटर के साथ आलू के उत्पादन होने से लागत कम और मुनाफा दोगुना हो जाएगा, क्योंकि दोनों के लिए अलग-अलग खाद और पानी की आवश्यकता नहीं होगी। विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान अध्ययनशाला की शोधार्थी छात्रा गरिमा दीवान ने इसका प्रयोग पूरा कर लिया है। उन्होंने यहां के प्रोफेसर डा. धनंजय शर्मा, डा. प्रवीन शर्मा, डा. नीरज शुक्ला के मार्गदर्शन में इस अनुसंधान को पूरा किया है।

एक पौधा तैयार होने में लगता है इतना समय: 15 दिन का आलू का पौधा और 25 दिन के टमाटर के पौधे को एक साथ कलम बांधकर एक पौधा बनाया जाता है। नर्सरी में आर्डर देते हैं। एक पौधा बनाने के लिए करीब 10 रुपये खर्च करना पड़ेगा।

पहले टमाटर खाओ फिर आलू निकालो

शोधार्थी गरिमा दीवान ने बताया कि सामान्य तौर पर आलू 90 से 100 दिन तैयार होता है। इस दौरान टमाटर 120-170 दिन तक उत्पादन देता है। इसके बाद बाद यदि आप आलू के कंद को निकालेंगे तो पूरी तरह से परिपक्व मिलेगा।

व्यावसायिक तौर पर लाने की कवायद शुरू

सब्जी विज्ञान विभाग के वरिष्ठ कृषि विज्ञानी डा. धनंजय शर्मा ने बताया कि सब्जियों में ग्राफ्टिंग तकनीक के नए आयाम में अब आलू-टमाटर के पौधे की ग्राफ्टिंग कर एक नए क्षेत्र में प्रवेश करने का अनुसंधान किया गया है। अब इसे व्यावसायिक तौर पर लाने के लिए काम चल रहा है।

बना सकते हैं लाखों पौधे

पौधे में दो भाग होते हैं एक जलतंत्र जहां जड़ होती है और दूसरा प्ररोह तंत्र होता है, जहां पर फल होता है। प्रकृति की इसी खूबी का इस्तेमाल करके हमने आलू-टमाटर के एक पौधे को विकसित किया है। आगे हम टिश्यू कल्चर की पद्धति से हम लाखेां की संख्या में पौधा तैयार कर सकते हैं। - डा. विवेक कुमार त्रिपाठी, एसोसिएट डायरेक्टर रिसर्च, कृषि विवि रायपुर

किसानों की बढ़ेगी आमदनी

एक ही खेत में हम दो फसल एक साथ लेंगे तो इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। अभी इस पर हम व्यावसायिक अनुसंधान कर रहे हैं। इसके बाद किसानों के खेतों तक ले जाएंगे- डा. एसएस सेंगर, कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय

किसानों को उपलब्ध कराएंगे पौधा

कृषि विवि के कृषि विज्ञानी आलू-टमाटर के एक ही पौधे पर विकसित करने की पद्धति से अवगत कराएं। उद्यानिकी विभाग नर्सरी के माध्यम से किसानों को पौधा मुहैय्या कराएगा। - माथेश्वरन वी., संचालक, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़

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स्रोत: Nai Dunia