आलू फसल पर ड्रोन से छिड़काव कर कीटों पर काबू पाएगा सीपीआरआई

February 15 2021

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीन केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) शिमला के वैज्ञानिकों ने आलू की फसल पर ड्रोन से छिड़काव कर बीमारियों और कीटों काबू पाने में सफलता हासिल की है। सीपीआरआई की इस सफलता के बाद देश भर के आलू उत्पादकों के लिए फसल की बीमारियों और कीटों पर काबू पाना काफी आसान होगा।

केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने उत्तर प्रदेश के मोदीपुरम के 1.2 हेक्टेयर फार्म में आलू की बीमारियों पर ड्रोन की मदद से नियंत्रण पाने में सफलता पाई है। सीपीआरआई ने दवाओं के छिड़काव से पहले ड्रोन के इस्तेमाल के लिए महा निदेशक सिविल एविएशन से स्वीकृति भी ली है। इससे पूर्व संस्थान ने दो कंपनियों से ड्रोन से दवा के छिड़काव को लेकर तीन साल की अवधि के लिए समझौता भी किया हैै। यह समझौता वर्ष 2021 से 2023 की अवधि के लिए किया गया है।

किसान खुद करते हैं खेतों में छिड़काव

देश के विभिन्न हिस्सों में अभी किसान खुद या मजदूरों की मदद से आलू के खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करते रहे हैं। इस पर किसानों को धन और समय काफी लगता है। ड्रोन से छिड़काव में धन और समय की बचत होगी।

क्या कहते हैं सीपीआरआई के वैज्ञानिक

सीपीआरआई के सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. एनके पांडेय ने बताया कि पहली बार ड्रोन की मदद के मोदीपुरम स्थित आलू के फार्म बीमारियों और कीटों की रोकथाम के प्रबंधन में सफ लता हासिल की है। ड्रोन से दवाओं के छिड़काव आलू की फसल पर लगने वाली बीमारियों और कीटों पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण पाने में सफलता मिली है। देश के अन्य क्षेत्रों के किसान आलू की फसल छिड़काव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर सकेंगे।

 

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स्रोत: Amar Ujala