आम की पैदावार रही कम, जम्मू-कश्मीर में भी पूरी नहीं हुई मांग

September 07 2020

जम्मू संभाग में आम की पैदावार इस बार अच्छी नहीं हो पाई है। इससे प्रदेश में भी आम की डिमांड पूरी नहीं हो सकी। इस बार आम की पैदावार 13 हजार मीट्रिक टन के आसपास रही। जबकि बीते साल 29 हजार मीट्रिक टन आम हुआ था।

बागवानी विभाग के अनुसार इस बार फूल पड़ने के दौरान मौसम ने साथ नहीं दिया। तेज हवाओं के कारण फूल टूट गए। इससे आम की पैदावार प्रभावित रही। जम्मू में बैसरी, लंगड़ा, चौसा और आम्रपाली प्रजातियों के आम होते हैं। यहां का आम पंजाब और अन्य राज्यों में भी भेजा जाता है। बीते साल पांच हजार मीट्रिक टन आम भेजा गया था। इस बार पड़ोसी राज्यों को आम की आपूर्ति नहीं की गई। वहीं, पैदावार प्रभावित होने के कारण बागवानों की कमाई भी अच्छी नहीं हुई।

लंगड़ा, आम्रपाली आम की रहती है ज्यादा डिमांड

लंगड़ा और आम्रपाली आम स्वाद में मीठा होता है। इस आम को बाजारों से लोग खूब खरीदते हैं। इस बार लोगों को मुश्किल से ही इस प्रजाति का आम मिला।

40 से 60 रुपये किलो में बिका आम

इस बार बरसात के मौसम में आम प्रति किलो 40 से 60 रुपये किलो के हिसाब से मिला। हालांकि, बीते साल 30 से 40  रुपये प्रति किलो बिका था।

आम की पैदावार इस बार बीते साल की अपेक्षा कम हुई है। इस बार कुल 13 हजार मीट्रिक टन पैदावार हुई। इस कारण प्रदेश से आई डिमांड भी पूरी नहीं हुई। मौसम की बेरुखी के कारण ऐसा हुआ है।

-सेवक राम, निदेशक, बागवानी विभाग, जम्मू संभाग

 

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स्रोत: Amar Ujala