अनुकूल परिस्थितियों के चलते गेहूं के बंपर उत्पादन की संभावना

March 09 2021

जिले में इस बार गेहूं का उत्पादन बंपर होगा। दरअसल, खाद, बीज, बिजली एवं पानी की पर्याप्त उपलब्धता से इस बार परिस्थितियां अनुकूल रही हैं। कृषि विभाग की मानें तो गेहूं का उत्पादन 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगा।

वर्षाकाल के दौरान शाजापुर जिले में औसत से ज्यादा बारिश होने से जलस्रोत पानी से लबालब हो गए। स्थिति यह रही कि लगातार बारिश होने से जलस्रोत ओवरफ्लो होकर छलकने लगे थे। औसत से ज्यादा बारिश होने के चलते खरीफ फसल को जरूर नुकसान हुआ, लेकिन पानी की पर्याप्त उपलब्धता होने से रबी फसल को लेकर अच्छे संकेत मिल गए। जलस्रोतों में पानी भरपूर होने से जिले में दो लाख 50 हजार हेक्टेयर में बुआई भी की गई। इसमें से सबसे ज्यादा रकबा गेहूं का रहा। सीजन में एक लाख 90 हजार हेक्टेयर में गेहूं बीज बोया गया। दूसरे नंबर पर चना फसल रही। जिले में चने की बुआई 38 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुई। अन्य फसलें तो इस बार बेहतर है ही सही वहीं जहां तक गेहूं की बात है उसका रकबा सबसे ज्यादा रहा है। गेहूं में सबसे ज्यादा आवश्यकता यूरिया खाद की रहती है। किसान सहकारी संस्था एवं निजी केंद्रों से खाद खरीदते हैं। इस बार वर्षाकाल समाप्त होने के बाद ही कृषि विभाग द्वारा स्थिति को भांपते हुए यूरिया की व्यवस्था की जाने लगी थी। इसके चलते जिले में लगातार रैक मिलती रही। सिंचाई के लिए किसानों ने नदी, कुएं, नहरों के माध्यम से पानी लेकर सिंचाई का कार्य किया। बिजली को लेकर भी स्थिति संतोषजनक रही। कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र से भी अनेक किसान लगातार किसान सलाह लेते रहे। इन सबके चलते जिले में इस बार सबसे गेहूं फसल का उत्पादन बंपर होगा।

जिले में वर्तमान में अधिकांश जगह गेहूं फसल की कटाई व साफ सफाई का दौर चल रहा है, जबकि कहीं-कहीं पर गेहूं फसल खेतों में खड़ी है। मौसम में परिवर्तन होने से जैसे जैसे तापमान बढ़ रहा है वैसे वैसे यह फसल तेजी से पकती जा रही है।

जिले में इस बार गेहूं का उत्पादन बंपर होगा। किसानों को लगातार बेहतर उत्पादन की सलाह दी गई। परिस्थितियां भी अनुकूल रही। प्रति हेक्टेयर 45 क्विंटल औसत उत्पादन का अनुमान है।

 

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स्रोत: Nai Dunia