हरियाणा में कोहरे ने बढ़ाई मुसीबत, हाईवे पर रुकी वाहनों की रफ्तार, बढ़ेगी ठंड, गेहूं को मिलेगा फायदा

December 07 2020

हरियाणा में कोहरा पड़ने लगा है। शुक्रवार को सीजन के पहले कोहरे से वाहनों की रफ्तार थम गई। कोहरे में दृश्यता महज 50 मीटर ही रही। वहीं प्रदूषण बढ़ने और वायु का गति कम होने से भी कोहरा घना रहा। मौसम विभाग ने दिसंबर में घना कोहरा और पाला पड़ने का पूर्वानुमान जारी किया है। कोहरे के कारण तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई।

पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी की वजह से हरियाणा में एक सप्ताह से तापमान में लगातार गिरावट आ रही थी। दिनभर तेज हवा चलने से मौसम साफ बना हुआ था। सुबह से ही धूप खिली रहने की वजह से दिन में लोगों को अधिक ठंड महसूस नहीं हो रही थी। लेकिन शुक्रवार को हवाओं की गति धीमी पड़ गई और सुबह घना कोहरा छा गया।

वहीं कैथल में कोहरे के कारण शुक्रवार को नेशनल हाईवे 152 पर एक साथ ट्राला, ट्रक और बस की भिड़ंत हो गई थी। हादसे में बस चालक की मौत हो गई जबकि उसमें सवार 16 यात्री घायल हो गए। हाईवे पर ट्रक धीमी गति से एक साइड से जा रहा था। धुंध के कारण पीछे से आ रहे एक बडे़ ट्राले ने ट्रक को टक्कर मार दी।

12 डिग्री दर्ज हुआ न्यूनतम तापमान

कोहरा छाने से तापमान में भी गिरावट आई। सोनीपत में दिन का अधिकतम तापमान 25 डिग्री दर्ज किया गया, वहीं न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रहा। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार तापमान में अब गिरावट का दौर जारी रहेगा और न्यूनतम तापमान घटकर 10 डिग्री से नीचे आ सकता है। इसके अतिरिक्त अधिकतम तापमान भी जल्द ही 20 डिग्री से नीचे आ सकता है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इस बार लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ सकता है।

गेहूं की सिंचाई करने में जुटे किसान

ठंड बढ़ने से जिले के गेहूं उत्पादक किसानों ने गेहूं की फसल की सिंचाई करनी शुरू कर दी है, ताकि गेहूं के फुटाव पर प्रतिकूल असर न पड़े। सोनीपत में इस बार 1 लाख 46 हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं की बिजाई की गई है। गेहूं की फसल के लिए इस समय ठंड का मौसम काफी फायदेमंद साबित होता है। हालांकि ठंड बढ़ने से सरसों सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियों की बढ़वार पर प्रतिकूल असर पड़ना शुरू हो जाता है।

कई दिन से तेज हवाएं चल रही थी, परंतु शुक्रवार को हवाओं की गति धीमी होने के कारण कोहरा छा गया। ठंड बढ़ने से गेहूं की फसल को फायदा पहुंचेगा। किसानों को गेहूं की पहली सिंचाई करने की सलाह दी गई है। -डॉ.अनिल सहरावत, कृषि उपनिदेशक, सोनीपत।

 

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स्रोत: Amar Ujala