हरियाणा की इस पहाड़ी की अदरक का कोई सानी नहीं, मौसम के साथ से मिलता है बेमिसाल स्वाद

March 12 2021

हरियाणा के एकमात्र हिल स्टेशन मोरनी में पैदा की जाने वाली अदरक का स्वाद पूरे देश में पसंद किया जाता है। भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा 26 फरवरी को एक लिस्ट जारी की गई थी। इसमें एक जिला एक पैदावार पर फोकस किया गया। इस लिस्ट में पंचकूला को अदरक की खेती के लिए चुना गया है। पंचकूला का पहाड़ी क्षेत्र मोरनी दवा बनाने में उपयोग की जाने वाली सौंठ तैयार करने का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। मोरनी में प्रतिवर्ष दो हजार क्विंटल से ज्यादा अदरक का उत्पादन किया जा रहा है। यह अदरक सामान्य रूप से खाने में इस्तेमाल नहीं की जाती है बल्कि इससे सौंठ बनाई जाती है। मोरनी अब इस वजह से भी अपनी खास पहचान बना रहा है। इसी वजह से केंद्र सरकार ने भी इसे अदरक के उत्पादन के लिए एकदम मुफीद पाया है। 

पंचकूला खासतौर से मोरनी की जलवायु अदरक के उत्पादन के लिए एकदम उपयुक्त पाई गई है। पंचकूला के मोरनी के साथ बरवाला और रायपुररानी के मैदानी इलाकों में भी अदरक का उत्पादन किया जाता है लेकिन मैदानी इलाकों में पैदा होने वाली अदरक का प्रयोग खाने में ज्यादा किया जा रहा है। 

मोरनी में पांच सौ किसान करते हैं उत्पादन

मोरनी के करीब पांच सौ किसान अदरक की खेती करते हैं। इसकी बिजाई अप्रैल में हो जाती है, जबकि कटाई के लिए अक्तूबर-नवंबर माह का समय उपयुक्त होता है। अदरक गर्म होती है लिहाजा सर्दियों में इसकी ज्यादा मांग रहती है। ऐसे में अगर यहां पर अदरक की खेती पर मौसम की मार नहीं पड़ती है तो इसकी खेती अच्छी हो सकती है।

अरसे से कर रहे हैं अदरक की खेती

मोरनी में अदरक की खेती करने वाले हरदेव दत्त शर्मा का कहना है कि उनके परिवार में काफी समय से अदरक की खेती की जा रही है। इसकी खेती चुनौतीपूर्ण है। इसमें हर बात का ध्यान रखना पड़ता है। इसको खुद हाथ से बोना पड़ता है और उसके बाद उसके ऊपर घास डाल दी जाती है। धीरे-धीरे घास खाद में मिल जाती है। इससे अच्छी क्वालिटी की अदरक पैदा होती है।

दवाओं में उपयोग की जाती है अदरक

अदरक उत्पादक नरदेव सिंह राणा ने बताया कि मोरनी की अदरक से सौंठ बनाई जाती है। जिसका प्रयोग फार्मा कंपनियां दवाओं को बनाने में करती हैं। इसलिए यहां की अदरक की डिमांड काफी ज्यादा है। चतर सिंह ने कहा कि केंद्र द्वारा अदरक उत्पादन के लिए पंचकूला को चुना तो यह महत्वपूर्ण बात है। मोरनी का पहाड़ी मौसम इसके एकदम अनुकूल है।

 

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स्रोत: Amar Ujala