सिंचित क्षेत्र में हुई बुवाई, शेष को मानसून का इंतजार

June 29 2021

असिंचित क्षेत्र के किसानों ने खरीफ की फसल के लिए तैयारी कर ली है, इन्हें मानसून का इंतज़ार है, जबकि दूसरी ओर सिंचाई की सुविधा वाले किसानों ने कपास, मक्का के अलावा अन्य फसलें बो दी हैं। प्याज और मिर्च के रोपे भी तैयार कर लिए हैं।

नागझिरी के श्री घनश्याम कुशवाह और श्री बुधन यादव इस बार सभी फसलों पर दांव लगा रहे हैं। कम जोत वाले किसानों ने भी मक्का और सोयाबीन की बवाई कर दी है। राजपुरा के श्री शंकरलाल कुशवाह ने 5 एकड़ में कपास उगा लिया है। मोघन के श्री कालू अवासे, रूपखेड़ा के बालम बालके और प्रताप सेनानी ने गत वर्ष सभी फसलों के दाम गिरने से बहुत नुकसान हुआ था। इस साल ऐसा न हो। श्री गंगाराम सोलंकी और श्री राजेश मंडलोई का कहना था कि किसान सोयाबीन लगाने को तैयार है, लेकिन गुणवत्तायुक्त बीज महंगा होने के बाद भी नहीं मिल रहा है, इसलिए किसानों को मजबूरी में मक्का की बुवाई करनी पड़ रही है। 25 एकड़ में नहर से सिंचाई करने वाले श्री शोभाराम डाबर ने 10 एकड़ में प्याज के रोपे तैयार करने नर्सरी में जुट गए हैं।

श्री एम. एल. चौहान, उप संचालक, कृषि खरगोन ने कृषक जगत को बताया कि जिले में 3.73 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल ली जाती हैं। इनमें से सिंचित क्षेत्र में डेढ़ लाख हेक्टेयर में कपास, मक्का और अन्य फसलों की बुवाई की जा चुकी है, जबकि शेष 2.23 लाख हेक्टेयर में बोवनी होना बाकी है।

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स्रोत: Krishak Jagat