वैज्ञानिकों ने सोयाबीन फसल का डायग्नोस्टिक भ्रमण कर दी सलाह

September 05 2020

वर्तमान वर्षा की स्थिति को देखते हुए एवं सोयाबीन फसल में आ रही कीट व्याधी के नियंत्रण हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र, धार के डॉ. केएस किराड़, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख एवं डॉ. जीएस गाठिये, सस्य वैज्ञानिक, श्री डीएस मौये, अनुविभागीय कृषि अधिकारी, श्री ठाकुर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, नालछा, ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी श्री परिहार एवं श्री सोलंकी के संयुक्त दल के साथ- साथ भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष श्री महेश ठाकुर द्वारा ग्राम एकलदुना, रतवा, देदला, दिगठान आदि क्षेत्रों में सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया गया।

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को सोयाबीन में तना मक्खी एवं इल्लियों का प्रकोप एवं ब्लाइट तथा एन्थ्रेकनोज बीमारी के लक्षण देखकर उचित दवाईयों का छिड़काव करने की सलाह दी गई। साथ ही कहा कि फसल पर पीला मोजाइक रोग के लक्षण दिखते ही ग्रसित पौधों को अपने खेत से निष्कासित करें। खेत में सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु अनुशंसित पूर्व मिश्रित सम्पर्क रसायन जैसे बीटासायफ्लुथ्रिन इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) या पूर्व मिश्रित थायोमिथाक्सम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मि.ली./हे.) का छिड़काव करें।

 

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स्रोत: Krishak Jagat