पराली नष्ट करने के लिए 5 लाख एकड़ भूमि पर किया जायेगा पूसा डीकम्पोजर दवाई का छिड़काव

April 22 2022

 बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, जिससे किसानों को फसल अवशेष(पराली) ना जलाना पड़े। इसके लिए किसानों को जहां अनुदान पर कृषि यंत्र मुहैया कराए जा रहे हैं वहीं किसानों को पराली दान करने, सरकार द्वारा पराली खरीदने का काम भी किया जा रहा है। इसके अलावा अब हरियाणा सरकार ने पूसा डीकम्पोजर से भी खेतों में पराली नष्ट करने का निर्णय लिया है। हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि इस वर्ष खेतों में पराली को नष्ट करने और पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए 5 लाख एकड़ भूमि पर पूसा डीकम्पोजर दवाई का छिड़काव किया जाएगा।

आसानी से खत्म हो जाएँगे फसल अवशेष

हरियाणा में एक लाख एकड़ भूमि पर कृषि विभाग तथा 4 लाख एकड़ भूमि पर यूपीएल कंपनी सीएसआर फंड से गत वर्ष की भांति डीकम्पोजर दवा का छिड़काव करेगी। इसके छिड़काव से धान फसल के अवशेष आसानी से खत्म हो जाएंगे और प्रदूषण भी नहीं फैलेगा, जिससे किसानों को आगामी फसल की जुताई के समय किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पडे़गा। 

केयर प्रो डिकम्पोजर का भी किया जाएगा उपयोग 

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए धान के अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त सक्रिय होकर कार्य करें। इसके अलावा, वार्षिक योजना भी जल्द से जल्द बनाकर मुख्यालय को भेजने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कृषि विभाग धान की पराली के अवशेष खत्म करने के लिए केयर प्रो का डिकम्पोजर भी उपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिक धान वाले जिले अम्बाला, फतेहाबाद, जींद, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र व सिरसा में फसल अवशेषों की आगजनी पर विशेष ध्यान रखा जाए।

उद्योगपतियों को भी किया जाएगा जागरूक

मुख्य सचिव ने कहा कि उद्योगों में पराली से बनने वाले बायोमेस ईंधन का उपयोग करने के लिए उद्योगपतियों को जागरूक करने हेतू सेमिनार आयोजित किए जाएं। इन सेमिनारों में उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली सबसिडी व अन्य लाभों बारे अवगत करवाया जाएगा।उद्योग विभाग पराली अवशेष पर आधारित टेरिफाइड एंड नोन टोरिफाईड पेलेटस एमएसएमई हेतु इकोनॉमिक डिटेल प्रोजेक्ट तैयार करेंगा। इसके साथ ही हर उद्योगपति अपनी आवश्यकताएं एनवायरमेंट इंजीनियर के माध्यम से कृषि विभाग के पोर्टल भी पर अपलोड करेंगे।

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स्रोत: kisansamadhan