नई दिल्ली: आजकल किसानों (Farmers) के बीच खेती करने की नई-नई तकनीक लोकप्रिय होती जा रही हैं, क्योंकि कुछ नई तकनीक से किसान अपने अनुसार खेती कर सकते हैं, जिससे उन्हें फसलों (Crop) से काफी अच्छा मुनाफ़ा भी मिलता है. किसानों द्वारा अथक मेहनत कर उगाई गई फसलें अधिक या कम बरसात, ओलावृष्टि, तूफान आदि की वजह से चंद पलों में ही खराब हो जाती है. इससे किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है और खड़ी फसलें बर्बाद हो जाती हैं. इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए और इनके समाधान के लिए सरकार ने इस पॉलीहाउस और शेडनेट पर सब्सिडी (Subsidy on Polyhouse and Shade Net) को शुरू किया है, ताकि किसान सुरक्षित तरीके से खेती कर उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकें तथा बेमौसम की सब्जियों की पैदावार कर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार सकें.
किसान अपने खेत में किस प्रकार नेट हाउस को लगा सकते हैं और इसमें बेड किस प्रकार बनाने हैं, मल्चिंग शीट का क्या फायदा है, आइये जानते हैं नेट हाउस (Net House) टेक्निकल एक्सपर्ट रविंदर कुमार से नेट हाउस के बारे में जानकारी. दरअसल, नेटहाउस विभिन्न साईज और ग्राहक की आवश्कतानुसार बनाए जाते हैं. साईज 96 वर्ग मीटर से 500 वर्ग मीटर या अधिक तक विस्तारित है. परिष्करण का स्तर भी पॉलीथीन शीट से आवरण किए हुए साधारण नेट-हाउस से लगातार उच्च परिष्कृत, पूर्ण आटोमेटिक ड्रीप और फॉगर्स सिस्टम, पूर्ण रूप से काम्प्यूटरराइज्ड होते हैं.