तकनीक और यांत्रिकी में उत्कृष्ट योगदान के लिए कृषि विवि सम्मानित

February 16 2021

छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में कोदो, कुटकी, रागी समेत अन्य वनोपज फसलों की कटाई या तोड़ाई के बाद उनका प्रसंस्करण किया जाता है। इसी कड़ी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के रायपुर केंद्र को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने अखिल भारतीय कटाई तकनीकी एवं यांत्रिकी समन्वित अनुसंधान परियोजना को सर्वश्रेष्ठ केंद्र के रूप में पुरस्कृत किया है।

विगत दिनों आयोजित परियोजना की 36वीं वार्षिक कार्यशाला में विश्वविद्यालय के रायपुर केंद्र को वर्ष 2020 की कटाई के बाद तकनीक एवं यांत्रिकी में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के उप महानिदेशक, कृषि अभियांत्रिकी डा. अलगुसुंदरम और डा. एसके त्यागी, परियोजना समन्वयक को यह सम्मान प्रदान किया गया।

यह परियोजना देश के विभिन्न राज्यों के 31 केंद्रों में संचालित की जा रही है। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एसके पाटील ने रायपुर केंद्र को सर्वश्रेष्ठ केंद्र के रूप में सम्मानित किए जाने पर परियोजना के वैज्ञानिकों को बधाई एवं शुभाकामनाएं दी हैं। इंदिरा गांधी कृषि विवि में किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए लगातार नई किस्मों को इजाद करने के साथ ही बेहतर उत्पादन कैसे बढ़े इस पर विज्ञानी शोध कर रहे हैं।

प्रौद्योगिकी विकसित की गई

कोदो, कुटकी, रागी जैसी लघु धान्य फसलों का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन कर कोदो चावल, रागी माल्ट, कुकीज, रेडी टू ईट खीर आदि उत्पादों का निर्माण करने की प्रौद्योगिकी विकसित की गई है एवं कृषक समूहों एवं महिला स्वसहायता समूहों को इनके निर्माण का प्रशिक्षण देकर उद्यमिता विकास का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही उद्यमियों को तकनीकी मार्गदर्शन एवं उत्पादों के विपणन के लिए सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।

 

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स्रोत: Nai Dunia