ट्रैक्टर से खेत की जोताई 500 रुपये महंगी, बढ़ेगी कृषि लागत

June 29 2021

हर रोज बढ़ रहे डीजल के दाम ने इस साल खरीफ खेती-किसानी को महंगा कर दिया है। डीजल के दाम प्रति लीटर 96 रुपये से अधिक होने के कारण ट्रैक्टर मालिकों ने भी खेतों की जोताई का दाम इस साल बढ़ा दिया है।

पिछले साल प्रति घंटा जोताई की दर 900 रुपये थी, लेकिन इस साल 1400 रुपये हो गया है। डीजल के बढ़े हुए दाम के कारण प्रति घंटा खेतों की जोताई में किसानों को 500 रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है, इससे धमतरी जिले के सवा लाख किसानों को 16 करोड़ 85 लाख का अतिरिक्त भार पड़ेगा, इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।

जिले के धमतरी, कुरुद, मगरलोड और नगरी ब्लाक में सवा लाख किसान एक लाख 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र यानि तीन लाख 37 हजार एकड़ रकबे में खरीफ सीजन में धान फसल की खेती-किसानी करते हैं। बारिश होने के साथ अब खेतों में रोपाई व बोता के लिए ट्रैक्टरों से हल चलना शुरू हो गया है।

अब वनांचल व मैदानी क्षेत्रों में 100 प्रतिशत किसान ट्रैक्टर से जोताई करते हैं। इस साल डीजल हर रोज 25 पैसे बढ़ रहे हैं। डीजल का दाम 96 रुपये 75 पैसा हो गया है। डीजल के दाम बढ़ने के कारण ट्रैक्टर मालिकों ने भी ग्रामीण अंचल में खरीफ सीजन के खेतों की जोताई में प्रति घंटा 500 रुपये की वृद्धि कर दी है। अब प्रति घंटा खेतों की जोताई 1400 रुपये हो गया है।

प्रति मिनट 22 रुपये जोताई पड़ रहा है। किसान मोहन लाल साहू, विजय कुमार, हीरासिंह, राजेश कुमार साहू आदि ने बताया कि इस साल डीजल के बढ़े दाम के कारण जोताई के दाम में ट्रैक्टर मालिकों ने वृद्धि कर दी है। प्रति घंटा किसानों से 1400 रुपये ले रहे हैं, जो पिछले साल की तुलना में 500 रुपये अधिक है। इससे किसानों को इस साल खरीफ खेती काफी महंगा पड़ेगी।

डीजल के दाम बढ़े 18 रुपये

पिछले साल जून 2020 में डीजल का दाम 78 रुपये था, लेकिन 28 जून को यह दाम बढ़कर 96 रुपये 75 पैसा हो गया है। इस तरह डीजल के दाम में प्रति लीटर सालभर में 18 रुपये की वृद्धि हुई है। इसका खामियाजा वाहन चालकों के साथ किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

किसान प्रति एकड़ 900 रुपये के अनुसार इस साल खरीफ सीजन के लिए बजट बनाया था, लेकिन जोताई के दाम में अचानक वृद्धि होने से किसानों का बजट गड़बड़ा गया है। खेती-किसानी के लिए किसानों को अतिरक्त धान बेचना पड़ रहा है। वहीं कुछ किसान तो अतिरिक्त कर्ज ले रहे हैं।

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स्रोत: Nai Dunia