गेहूं ही नहीं, पिछले दो वर्षों में चावल के निर्यात में भी हुई है रिकॉर्ड वृद्धि

April 21 2022

 इस वर्ष देश में गेहूं का निर्यात बढ़ने से किसानों को गेहूं के अच्छे दाम मिल रहे हैं, वहीं देश में चावल के निर्यात में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। भारत में उत्पादित गैर बासमती चावल की माँग भी लगातार दुनिया में बढ़ रही है। भारत का गैर-बासमती चावल निर्यात वित्त वर्ष 2013-14 के 2925 मिलियन डॉलर की तुलना में 109 प्रतिशत बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 में 6115 मिलियन डॉलर तक जा पहुंचा है। डीजीसीआईएस आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में दुनिया भर के 150 से अधिक देशों को चावल का निर्यात किया। 

भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में रिपोर्ट किए गए 150 से अधिक देशों में से 76 देशों को एक मिलियन डॉलर से अधिक का निर्यात किया है। डीजीसीआईएस आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2019-20 में 2015 मिलियन डॉलर के बराबर के गैर बासमती चावल का निर्यात किया था जो बढ़ कर वित्त वर्ष 2020-21 में 4799 मिलियन डॉलर तथा वित्त वर्ष 2021-22 में 6115 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। गैर बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में 27 प्रतिशत की वृद्धि तथा 6115 मिलियन डॉलर अर्जित करने के साथ सभी कृषि वस्तुओं के बीच सबसे अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला क्षेत्र रहा है।
इन देशों को किया गया चावल का निर्यात 
पश्चिमी अफ्रीकी देश बेनिन भारत से गैर बासमती चावल के प्रमुख आयातक देशों में से एक है। इसके अलावा नेपाल, बांग्लादेश, चीन, कोट डी आवोआयर, टोगो, सेनेगल, गिनी, वियतनाम, जिबोटी, मेडागास्कर, कैमरून, सोमालिया, मलेशिया, लाइबेरिया, संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों को भी देश से गैर बासमती चावल का निर्यात किया जा रहा है। 
वित्त वर्ष 2020-21 में, भारत ने नौ देशों- तिमोर-लेस्टे, प्यूओर्टो रिको, ब्राजील, पपुआ न्यू गिनी, जिम्‍बाब्‍वे, बुरुंडी, एस्वाटिंनी, म्यांमार तथा निकारगुआ को गैर बासमती चावल का निर्यात किया. जहां पहली बार निर्यात किया गया था या इससे पहले जो निर्यात किया गया था, वे कम मात्रा में निर्यात किए गए थे।
चावल उत्पादन में हुई रिकॉर्ड वृद्धि
देश में चावल का उत्पादन मुख्यतः पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, असम तथा हरियाणा राज्यों में किया जाता है। जिससे चावल का निर्यात बढ़ने से इन राज्यों के किसानों को लाभ होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए द्वितीय अग्रिम आकलन के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चावल के कुल उत्पादन के रिकॉर्ड 127.93 मिलियन टन होने का अनुमान है जो पिछले पांच वर्षों के 116.44 मिलियन टन के औसत उत्पादन की तुलना में 11.49 मिलियन टन अधिक है।
 
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स्रोत: kisansamadhan