गिर रहा है भूजल स्तर, जल संरक्षण के लिए अब ब्लॉक स्तर पर तैयार होगा वाटर प्लान

January 22 2021

हरियाणा में गिरते भू जलस्तर में सुधार लाने और पानी बचाव को लेकर अब प्रदेश के हर ब्लॉक स्तर पर अलग से वाटर प्लान तैयार किया जाएगा। इसके तहत वहां पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध किया जाएगा।

सीवरेज के पानी को सिंचाई के लिए प्रयोग करने का भी काम शुरू किया जाएगा। आगामी दिनों में कुछ चिह्नित एरिया में भू जल निकालने के लिए प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्राधिकरण को जुर्माना लगाने की शक्तियां दी गई हैं। बार-बार नियम तोड़ने वालों को छह माह की सजा का भी प्रावधान होगा।

हाल ही में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (संरक्षण, विनियमन और प्रबंधन) का गठन किया गया है। पांच दिन पहले ही हरियाणा की मुख्य सचिव रह चुकीं केसनी आनंद अरोड़ा को इसका पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्राधिकरण बनाने को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा इसके कार्य और शक्तियों को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

इसके तहत प्रति साल प्राधिकरण सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजेगा। हर तीन साल के बाद समीक्षा भी करेगा। प्राधिकरण जिला वाटर प्लानिंग कमेटी के माध्यम से अपना काम करेगा और हर जिले से प्राधिकरण को अपना वाटर प्लान ब्लॉक वाइज बनाकर भेजना होगा।  

प्राधिकरण का मुख्य कार्य जल संचय से लेकर पानी को रीसाइकिल करने पर रहेगा और पानी के स्रोतों को बचाए रखने को भी प्राथमिकता दी जाएगी। प्राधिकरण की अध्यक्ष केसनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि अभियान में प्रदेश के हर व्यक्ति को जुड़ना होगा, तभी हम आने वाली पीढ़ियों के लिए अच्छा कर पाएंगे। 

13 जिलों में 64 ब्लॉक हैं डार्क जोन में

प्रदेश में भूजल स्तर के जबरदस्त दोहन के कारण इस समय प्रदेश के 13 जिलों के 64 ब्लॉक डार्क  जोन घोषित किए गए हैं। इन जिलों में अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत और जींद शामिल हैं।

भिवानी के बाढड़ा, बहल, कैरू, लोहारू, तोशाम, फतेहाबाद का टोहाना, कैथल का गुहला, राजौंद, कुरुक्षेत्र के लाडवा, पिहोवा, शाहाबाद, पानीपत के बापौली, समालखा, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, करनाल, असंध, महेंद्रगढ़ में नांगल चौधरी, अटेली, कनीना, रेवाड़ी में खोल, सिरसा में ऐलनाबाद, गुरुग्राम व फरूखनगर, पटौदी, सोहना, यमुनानगर में जगाधरी, मुस्तफाबाद, रादौर, साढौ़रा, पलवल में हसनपुर, हथीन, होडल समेत 64 ब्लॉक डार्क जोन घोषित किए गए हैं। 

लगातार गिर रहा भूजल स्तर

विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदेश में 36 मिलियन एकड़ फुट पानी की जरूरत है, लेकिन उपलब्धता 14 मिलियन एकड़ फुट है। प्रदेश का भूजल स्तर बीते 42 वर्ष में 60 फुट नीचे जा पहुंचा है। प्रदेश में वर्ष 2000 में भूजल औसतन 31 फीट पर उपलब्ध था। गुरुग्राम, फतेहाबाद, फरीदाबाद, कैथल, रेवाड़ी जिले में भूजल स्तर औसतन 88 फीट से नीचे गिरा है। जबकि इन जिलों के शहरी क्षेत्र में यह 120 फीट से नीचे पहुंच चुका है।

सूबे का 60 फीसदी इलाका डार्क जोन में शामिल हो गया है। गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ जिलों में ट्यूबवेल का कनेक्शन जारी करने में विशेष सावधानी बरती जा रही है। सबसे बुरा हाल कुरुक्षेत्र, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ का है। यहां भूजल स्तर 90 फुट के करीब है।

 

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स्रोत: Amar Ujala