किसानों को और समृद्ध बनाएगी भूपेश सरकार

June 28 2021

छत्तीसगढ़ सरकार कृषि को लाभकारी बनाने की कवायद में जुटी हुई है। इसके लिए वह धान के साथ अन्य उत्पादों की खेती को प्रोत्साहन दे रही है। सरकार ने अब सुगंधित धान की मार्केटिंग का जिम्मा खुद ही संभालने का फैसला किया है। वह कोदो-कुटकी के उत्पादन व वैल्यू एडिशन में तकनीकी सहयोग और बीजों की उपलब्धता के लिए कृषि अनुसंधान संस्थान (आइआइएमआर) हैदराबाद से सहयोग लेगी। इसके लिए संस्थान के साथ अनुबंध किया गया है। कांकेर जिले में कोदो-कुटकी और रागी के केंद्रीय भंडारण व प्रसंस्करण के लिए भूमि का चिन्हांकन भी कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुगंधित धान की जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए इसका उत्पादन ले रहे समूहों को मिनी राइस मिल अनुदान पर देने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सुगंधित धान की मार्केटिंग के लिए जिला कलेक्टरों के माध्यम से कंपनियों के साथ एग्रीमेंट किए जाएं।

उन्होंने कृषि विभाग को सुगंधित धान की विभिन्न किस्मों के सर्टिफिकेशन की व्यवस्था करने और सर्टिफिकेट किसानों को घर पहुंचाकर देने के निर्देश दिए। इससे किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिलेगा। बघेल ने कहा कि राजीव गांधी न्याय योजना के तहत धान के बदले दूसरी फसल लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। मक्के की खेती को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कोंडागांव में स्थापित मक्का प्रसंस्करण संयंत्र को समय सीमा में पूरा करने के भी निर्देश दिए।

लाख उत्पादन को किया जाएगा प्रोत्साहित

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाख की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी अच्छी कीमत मिलती है। वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त किसानों को लाख के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मछली पालन और लाख उत्पादन को खेती का दर्जा दिया गया है। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि मछली पालन और लाख का उत्पादन करने वाले किसानों को दूसरे किसानों की भांति शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो। उनके किसान क्रेडिट कार्ड बनाया जाए। मछली पालन करने वाले किसानों को भी 7500 यूनिट तक बिजली निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाए।

इंटर्नशिप के लिए गांवों में जाएंगे छात्र

मुख्यमंत्री ने कृषि, उद्यानिकी और मत्स्य पालन महाविद्यालय के छात्रों की इंटर्नशिप गांवों में किसानों के साथ कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के खेतों और वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त लोगों की भूमि पर मनरेगा से तालाब बनाए जाएं, जिससे उन्हें सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और वे मछली पालन कर सकें।

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स्रोत: Nai Dunia