आधे घंटे हुई बारिश, खेती-किसानी में आएगी तेजी

June 23 2021

समय से पहले इस साल अंचल में अच्छी बारिश हुई है। बारिश शुरू होने के साथ किसान खरीफ खेती-किसानी की तैयारी में जुट गए हैं। आधे घंटे तक तेज गर्जना के साथ हुई बारिश से अब खरीफ खेती-किसानी में तेजी आएगी। बोता फसल के लिए वनांचल समेत मैदानी इलाकों में हल चलना शुरू हो जाएगा। खेती-किसानी में किसान व मजदूर व्यस्त हो जाएंगे।

एक से 22 जून तक धमतरी जिले में 213 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। यह बारिश पिछले साल की तुलना में अधिक है। समय से पहले इस साल अच्छी बारिश होने से किसान 15 जून से ही खरीफ फसल लेने की तैयारी में जुट गए हैं। बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान बारिश शुरू होने के बाद रोपाई के लिए अपने खेतों में नर्सरी लगाने बीज का छिड़काव कर चुके हैं।

खेतों में अब नर्सरी तैयार होने लगा है। 10 से 15 दिनों बाद किसान रोपाई के लिए खेतों में सिंचाई पानी डालकर सफाई करेंगे। वहीं 22 जून को करीब आधे घंटे तक हुई अच्छी बारिश से अब खरीफ में बोता फसल लेने वाले किसान अपने खेतों में हल चलाकर धान का छिड़काव करेंगे। वनांचल क्षेत्रों में तो सूखा बोनी सप्ताहभर पहले से ही शुरू हो गई है।

मैदानी क्षेत्रों के किसान अब बोनी के लिए तैयारी शुरू कर दिए है। बारिश में तेजी आने के बाद खेती-किसानी में भी तेजी आने की संभावना है। किसानों को अब खेती-किसानी के लिए पर्याप्त बारिश होने का इंतजार है। किसान सोसायटियों से बोता व नर्सरी तैयार करने बीज खरीदकर ले जा रहे हैं। वहीं खाद का स्टाक भी शुरू कर दिया है।

बारिश से गंगरेल में भरा पानी

बारिश का सिलसिला इस साल जून माह के दूसरे सप्ताह से ही शुरू हो गया। अंचल में रुक-रुककर हुई बारिश से इस साल गंगरेल बांध में समय से पहले ही करीब दो टीएमसी पानी भर गया। गंगरेल बांध में बारिश शुरू होने से पहले 14 टीएमसी के करीब जलभराव था।

अब गंगरेल बांध में 16 टीएमसी से अधिक जलभराव है। वहीं गंगरेल बांध में 2383 क्यूसेक पानी की आवक कैंचमेंट एरिया से बनी हुई है, इससे जलभराव होने लगा है। सोंढूर, दुधावा और माड़मसिल्ली में अभी पानी की आवक शुरू नहीं हुई है। मुरूमसिल्ली में दो टीएमसी से अधिक जलभराव है। वहीं दुधावा में दो टीएमसी और सोंढूर में चार टीएमसी से अधिक जलभराव है।

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Nai Dunia