हिमाचल में 15 अक्तूबर से होगी धान की खरीद, यहां खोली जा रहीं मंडियां

October 06 2021

हिमाचल प्रदेश में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ देने के लिए प्रदेश सरकार भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से धान की खरीद करने जा रही है। इसके लेकर पांवटा साहिब, ऊना, नालागढ़, रियाली फ तेहपुर, अनाज मंडी फ तेहपुर और त्यौरा इंदौरा में मंडियां खोली जा रही हैं। प्रदेश में धान खरीद आरंभ होने की संभावित तिथि 15 अक्तूबर है। प्रदेश में किसानों से धान की खरीद आन लाइन पोटल के माध्यम से की जानी है। जिसे खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से एनआईसी के साथ मिलकर तैयार किया गया है । किसान सात अक्तूबर के बाद प्रक्यूरमेंट पोर्टल पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। खाद्य आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग ने बताया कि प्रदेश के किसानों को उनकी धान की फसल की सही कीमत मिल सके, इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से यह खरीद की जा रही है।

धान की यह खरीद भारतीय खाद्य निगम द्वारा जिला प्रशासन की देखरेख में की जाएगी। भारतीय खाद्य निगम की ओर से 17 फीसदी तक नमी वाले धान की खरीद की जाएगी। धान उत्तम व्यापार योग्य स्थिति में, मीठे, सूखे, साफ, उतम खाद्य मूल्य से परिपूर्ण दानों के रंग और आकार में एकरूप, कलरिंग एजेंटों के मिश्रण से रहित, पीएफ ए मानकों के अनुरूप होना चाहिए। साथ ही अकार्बनिक 1 फीसदी, कार्बनिक 1 फीसदी, रंग उडा हुआ 5 फीसदी क्षतिग्रस्त, अंकुरित और घुन लगा हुआ दाना 4 फीसदी, घटिया उपजातियों का मिश्रण 6 फीसदी, सिकुड़ा हुआ दाना 3 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। 

किसानों के दबाव में खुले दो धान खरीद केंद्र, तीन और खोले जाएं 

वहीं, हिमाचल किसान सभा ने कांगड़ा फतेहपुर के रियाली और इंदौरा के त्योड़ा में भारतीय खाद्य निगम की ओर से धान खरीद केंद्र खोलने के अतिरिक्त तीन और केंद्र खोलने की मांग की है। किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा है कि किसानों के दबाव में दो धान खरीद केंद्र शुरू किए हैं। किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए मलकाना, टांडा (काठगढ़) और भोग्रवां में भी खरीद केंद्र शुरू किए जाएं। उन्होंने यह भी मांग की है कि किसानों के अनाज की बिक्री में पहले ही विलंब हो चुका है, इसलिए खरीद 10 अक्तूबर तक शुरू कर दी जाए। फतेहपुर के मंड किसान संयुक्त संघर्ष समिति फ तेहपुर इंदौरा, जिला कांगड़ा सहित फ तेहपुर और इंदौरा के किसानों को बधाई दी है। डॉ. तंवर ने कहा कि यह मंड क्षेत्र के किसानों के संघर्ष, दबाव और एकजुटता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि 20 सितंबर को फ तेहपुर के रियाली में किसानों की एक बड़ी जनसभा हुई थी जिसमें किसानों ने साफ  कर दिया था कि अगर किसानों के धान खरीदने का कोई उचित इंतजाम न हुआ तो किसान आंदोलन का रास्ता अपनाने से भी गुरेज नहीं करेंगे और तय कर लिया था कि अगर खरीद न हुई तो वे अपना सारा धान प्रशासन के पास रख आएंगे।

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स्रोत: Amar Ujala