हरियाणा में MSP से महंगा गेहूं व सरसों, किसानों ने मंडी से बनाई दूरी

April 09 2022

 सरसों और गेहूं की फसल का एमएसपी से अधिक बिकने से भविष्य में सरसों का तेल और आटा महंगा हो सकता है। इस समय सरसों का तेल 200 रुपये प्रति लीटर और आटा 20 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है।

हरियाणा में इस बार सरसों और गेहूं की फसल एमएमपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से अधिक दाम पर बिक रही है। निजी कंपनियां सीधे किसानों से गेहूं की फसल खरीद रहे हैं। सरसों एमएसपी रेट 5050 से 1500 से 2000 रुपये तक अधिक में बिक रहा है, जबकि गेहूं सरकारी रेट 2015 से 30 से 50 रुपये तक अधिक में खरीदा जा रहा है। 

गेहूं की कीमतों में उछाल के पीछे रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध कारण बताया जा रहा है। रूस दुनिया का सबसे बड़ा और यूक्रेन तीसरा गेहूं निर्यातक देश है। 2021-22 के दौरान रूस से 3.5 करोड़ टन और यूक्रेन से 2.4 करोड़ टन निर्यात होने का अनुमान था। दोनों देशों के बीच युद्ध के चलते आपूर्ति बाधित हो गई है। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल आ रहा है।

इस कारण अन्य देश भारत से गेहूं की मांग कर रहे हैं। अनुमान है कि इस बार देश में 70 लाख मीट्रिक टन तक गेहूं का निर्यात हो सकता है। अकेले मार्च में 7.85 लाख एमटी निर्यात किया जा चुका है। हरियाणा की बात करें तो इस बार 25.50 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की बिजाई की गई है।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार 1122 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हो सकता है। इसमें से 90 लाख मीट्रिक टन मंडियों में आ सकता है। वहीं, सरसों का रकबा 7.6 लाख हेक्टेयर है। कैथल, करनाल, अंबाला, कुरुक्षेत्र, पानीपत समेत अन्य जिलों की मंडियों में निजी कंपनियां या व्यापारी सीधे किसानों से गेहूं की खरीद कर रहे हैं।  

410 खरीद केंद्र, 72 घंटे में भुगतान का दावा

72 घंटे में भुगतान के आदेश दिए गए हैं। एक अप्रैल से 15 मई तक खरीद होगी। कुल 410 खरीद केंद्र बनाए हैं। इनमें सबसे अधिक सिरसा में 64, फतेहाबाद 51, हिसार 29, कैथल 41, जींद 35, सोनीपत 24, कुरुक्षेत्र-करनाल 23-23 खरीद केंद्र बनाए हैं। इसके अलावा, चने और सरसों के लिए भी खरीद केंद्र स्थापित किए हैं। गेहूं का एमएसपी रेट 2015, सरसों 5050, चना 5230 और जौ 1635 रुपये है।

2.77 लाख एमटी गेहूं खरीदा

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल तक अब तक 2.77 लाख एमटी गेहूं की खरीद हो चुकी है। करीब 44414 किसानों की इस फसल के करीब 559 करोड़ रुपये बनते हैं। वहीं, सरसों की नाममात्र की सरकारी खरीद हो पाई है। अधिकतर किसान मंडी से बाहर ही फसल बेच रहे हैं। 

बढ़ सकते हैं तेल और आटे के दाम

सरसों और गेहूं की फसल का एमएसपी से अधिक बिकने से भविष्य में सरसों का तेल और आटा महंगा हो सकता है। इस समय सरसों का तेल 200 रुपये प्रति लीटर और आटा 20 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। बाजार के जानकारों का कहना है कि भविष्य में इसके रेट और बढ़ने की आशंका है। 

हरियाणा में मार्केट फीस चार प्रतिशत है, जो अन्य राज्यों से अधिक है। अगर फीस कम होती तो और ज्यादा कंपनियां हरियाणा में गेहूं-सरसों खरीद के लिए आतीं। इससे किसानों को और फायदा होता

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स्रोत: Amarujala