हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की जई की दो नई किस्में

September 09 2022

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के चारा अनुभाग ने जई की दो नई उन्नत किस्में विकसित की हैं. इनके नाम एचएफओ 707 व एचएफओ 806 हैं. देश के उत्तर पश्चिमी, दक्षिणी और पर्वतीय राज्यों के किसानों व पशुपालकों को जई की इन किस्मों से बहुत लाभ होगा. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन दोनों किस्मों में प्रोटीन की मात्रा व पाचनशीलता अधिक होने के कारण ये पशुओं के लिए बहुत उत्तम हैं.
जई की एचएफओ 707 दो कटाई वाली किस्म जबकि एचएफओ 806 एक कटाई वाली किस्म है. उन्होंने बताया भारत सरकार के राजपत्र में केन्द्रीय बीज समिति की सिफारिश पर जई की एचएफओ 707 किस्म को देश के उत्तर पश्चिमी जोन (हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व उतराखंड) जबकि एचएफओ 806 को देश के दक्षिणी जोन (तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश) और पर्वतीय जोन (हिमाचल प्रदेश, उतराखंड, जम्मू व कश्मीर) के लिए समय पर बिजाई की सिफारिश की गई है.
707 किस्म की हरे चारे की औसत पैदावार 696 क्विंटल व सूखे चारे की औसत पैदावार 135 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है. इसकी बीज की औसत पैदावार 23.8 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है जबकि क्रूड प्रोटीन की पैदावार 19.4 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है. यह किस्म हेल्मिन्थोस्पोरियम लीफ स्पॉट बीमारी के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है.