सोयाबीन संस्थान एक वर्ष में सोयाबीन की 24 किस्में जारी करने में सफल

October 09 2021

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, (तिलहन और दलहन), नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक डॉ. संजीव गुप्ता ने गत दिनों भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर का दौरा किया तथा खरीफ मौसम के दौरान लगाये जा रहे विभिन्न प्रयोगों और अनुसंधान प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने संस्थान में आंवला के पौधों का रोपण किया।

इंदौर संस्थान की कार्यवाहक निदेशक डॉ. नीता खांडेकर ने डॉ. गुप्ता का स्वागत कर हाल के वर्षों में संस्थान द्वारा हासिल की गई प्रमुख उपलब्धियों और जलवायु परिदृश्य में इसकी तैयारियों को प्रस्तुत किया। संस्थान ने पहली बार देश के विभिन्न सोयाबीन उत्पादक राज्यों के लिए उपयुक्त एक वर्ष में 24 किस्मों की पहचान, विमोचन और अधिसूचना में सफल रहा है। इनमें से मध्य प्रदेश के लिए उपयुक्त 8 किस्में और खाद्य ग्रेड वर्ग की विशिष्ट सोयाबीन किस्में भी हैं।

डॉ. गुप्ता ने संस्थान के अनुसंधान ब्लॉक का भी दौरा किया। इस अवसर पर डॉ. गुप्ता ने कहा कि जल भराव एवं जलवायु सहिष्णु, उच्च ओलिक एसिड बनाने वाली और प्रमुख रोगों जैसे कि येलो मोजेक वायरस (व्हायएमवी), एन्थ्रेक्नोज और चारकोल रॉट के लिए प्रतिरोधी किस्मों के विकास के लिए अधिक जर्मप्लाज्म की पहचान करने की सख्त आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. गुप्ता ने संस्थान में आंवला के पौधों का रोपण किया। डॉ. नीता खांडेकर ने अतिथि को स्मृति चिन्ह और संस्थान में तैयार सोया आधारित खाद्य उत्पाद भेंट किए।

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स्रोत: Krishak Jagat