सास-बहू ने मिलकर बदले खेती के मायने, साल में ले रहीं तीन पैदावार

May 03 2022

भूना के वार्ड नंबर 14 निवासी अनीता जाखड़ अपनी सास चमेली देवी के साथ तीन एकड़ में लहसुन की खेती कर रहीं है। फसल चक्र को अपनाने से रसायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाइयों का अधिक उपयोग नहीं करतीं हैं।
सास-बहू ने लहसुन की खेती में मिलकर बंपर पैदावार लेकर खेती का मायने ही बदल दिया। हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव भूथनखुर्द की दसवीं पास पंचायत समिति भूना के वार्ड नंबर 14 की निवर्तमान सदस्य अनीता जाखड़ ने अपनी 60 वर्षीय सास चमेली देवी के साथ मिलकर तीन एकड़ में लहसुन की बिजाई की थी। अब लहसुन का पैदावार ले चुकी हैं और मूंग बिजाई की तैयारी में हैं और इस के बाद धान की बिजाई करेंगी। इस प्रकार सास-बहू मिलकर साल में तीन पैदावार ले रहीं हैं और लाखों रुपये आमदनी हो रही है।
बता दें कि अनीता के पति विनोद जाखड़ ने पंजाब के जालंधर में जमीन ठेके पर लेकर सात एकड़ में लहसुन की खेती की कमान संभाल रखी थी। यहां भूना में तीन एकड़ लहसुन के खेत में खरपतवार निकालने से लेकर पानी लगाने व खाद तथा कीटनाशक छिड़काव तक की जिम्मेदारी सास-बहू ने संभाल रखी थी।
15 दिन पहले ही मजदूरों की सहायता से लहसुन की खुदाई करके जमीन से बाहर निकाल लिया है। लहसुन की प्रति एकड़ 50 क्विंटल के लगभग बंपर पैदावार हुई है। जिसको लेकर सास-बहू के चेहरे पर खुशी साफ नजर आ रही है। अब फिलहाल 35 रुपये किलो थोक का भाव मंडियों में चल रहा है। चमेली देवी व उसकी पुत्रवधू अनीता जाखड़ लहसुन को कुछ दिनों तक स्टॉक करके रखेंगी। उन्होंने विश्वास है कि लहसुन का बाजार में थोक भाव 50 रुपये से भी अधिक होने का अनुमान है।
दस वर्षों से लहसुन की खेती कर रही हैं सास-बहू
गांव भूथनखुर्द वासी चमेली जाखड़ के पति लालचंद जाखड़ का करीब 14 साल पहले आकस्मिक निधन हो गया था। इसके बाद पूरे घर की जिम्मेवारी चमेली देवी के कंधों पर आ गई थी। घर में तीन बेटे व एक बेटी के पालन-पोषण का जरिया मात्र एक खेती ही थी। चमेली देवी अपनी 10 एकड़ खेत में परंपरागत फसल तक सीमित थी।
मगर शिक्षित बहू अनीता जाखड़ ने अपनी सास के साथ मिलकर खेती के मायने बदल दिए। सास बहू ने पहले वर्ष एक कनाल में लहसुन लगाया, जिसमें हजारों रुपये की आमदनी हुई। उसके बाद प्रतिवर्ष तीन से चार एकड़ में लहसुन की बिजाई कर रहे हैं।
सास बहू की मेहनत के कारण प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आमदनी हो रही है। वहीं चमेली देवी के बेटे विनोद कुमार ने जालंधर में सात एकड़ जमीन में लहसुन की बंपर पैदावार ली है। भूथनखुर्द में पुश्तैनी जमीन पर सास-बहू मिलकर खेती कर रही हैं। जबकि पंचायत समिति सदस्य अनीता देवी के पति विनोद कुमार पंजाब में जमीन ठेके पर लेकर लाखों रुपये कमा रहे हैं।
लहसुन की पैदावार के बाद मूंग की बिजाई और फिर लगा देते हैं धान
चमेली देवी की पुत्रवधू अनीता जाखड़ ने बताया कि लहसुन की पैदावार लेने के तुरंत बाद मूंग की बिजाई कर देते हैं। मूंग की पैदावार प्रति एकड़ 7 से 10 क्विंटल के बीच में हो जाती है। मूंग की पैदावार लेने के बाद धान की पौध रोपित कर देते हैं इसलिए एक साल में कई वर्षों से लगातार तीन फसलों से प्रति एकड़ तीन लाख से भी अधिक का मुनाफा कमा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इससे खेती का विविधीकरण भी हो जाता है तथा पैदावार में भी कोई कमी नहीं रहती। अगर जमीन में लगातार एक ही किस्म की फसल लेंगे तो उत्पादन में गिरावट आ सकती है और जमीन भी बंजर होने की आशंका बनी रहती है। फसल चक्र के अपनाने से रसायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाइयों का भी अधिक उपयोग नहीं होता। लहसुन की खेती से जहां किसान को आर्थिक फायदा मिलता है वहीं जमीन की गुणवत्ता में भी बड़े स्तर पर सुधार होता है इसलिए सब्जियां किसानों के लिए फायदेमंद हैं।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: amarujala