सरकार इस वर्ष भी बढ़ाएगी गन्ने का मूल्य, गन्ने की नई किस्म 15023 को दिया जाएगा बढ़ावा

November 03 2023

देश में किसानों को फसलों के उचित एवं लाभकारी मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा गन्ना सहित अन्य फसलों के मूल्य निर्धारित किए जाते हैं। इस कड़ी में हरियाणा सरकार भी इस वर्ष गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य बढ़ाने जा रही है, यह बात राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कही। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस बार सरकार गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी करेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मंजूरी के बाद आगामी दिनों में निर्णय लिया जाएगा। कृषि मंत्री ने यह बात गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा में गन्ने का भाव देश में हमेशा सर्वाधिक रहा है। केवल एक बार पंजाब ने हमसे अधिक रेट बढ़ाया था। हरियाणा सरकार ने तो पिराई सीजन 2022-23 के दौरान गन्ना किसानों को 2819 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

गन्ना पिराई और रिकवरी में हुई वृद्धि

बैठक में कृषि मंत्री ने बताया कि पिराई सीजन 2021-22 के दौरान विभिन्न चीनी मिलों द्वारा 754.50 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई तथा चीनी की रिकवरी 9.47 प्रतिशत थी। जबकि इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले गन्ने की पिराई और रिकवरी में वृद्धि है। गन्ना पिराई सीजन 2022-23 में विभिन्न चीनी मिलों द्वारा 770.73 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई तथा चीनी की रिकवरी 9.70 प्रतिशत रही। जबकि वर्ष 2023-24 में कुल 962 लाख क्विंटल गन्ने के उत्पादन का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि पिराई सीजन 2022-23 के दौरान राज्य की विभिन्न चीनी मिलों द्वारा (केवल नारायणगढ़ शुगर मिल को छोड़कर) गन्ना किसानों को 2819 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। हालांकि, राज्य सरकार ने चीनी मिलों को लगभग 194 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई, ताकि किसानों को नुकसान न हो।

गन्ने की नई किस्म 15023 को दिया जाएगा बढ़ावा

कृषि मंत्री ने कहा कि गन्ने की नई किस्म 15023 विकसित की गई है, जो वर्तमान में चल रही किस्म 238 से कई बेहतर है। इसलिए विभाग के अधिकारियों को इस किस्म के बीज को तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सरकार द्वारा वर्तमान में जिस किसान ने नई किस्म का गन्ना उगाया हुआ है, उस किसान से गन्ना लेकर नये किसानों को बीज तैयार करने के लिए गन्ना दिया जाएगा। इसके लिए दोनों किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को घाटे से उभारने के लिए विकल्प के तौर पर मिलों में एथोनॉल प्लांट लगाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एथेनॉल निकालने की 3 तकनीकें हैं और बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि तीनों तकनीकों का अध्ययन किया जाए, ताकि मिलों को वाणिज्यिक रूप से लाभ हो। निजी मिलों में पहले से ही एथोनॉल प्लांट चल रहे हैं और उन्होंने अपनी क्षमता भी बढ़ाई है।

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स्रोत: किसान समाधान