राज्य में खरीफ फसलों की बोनी पूर्णता की ओर

August 28 2021

राज्य में खरीफ फसलों की बोनी पूर्णता की ओर है। 20 अगस्त की स्थिति में राज्य में 46.66 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोनी हो चुकी है, जो कि खरीफ 2021 के लिए निर्धारित लक्ष्य 48.20 लाख हेक्टेयर का 93 प्रतिशत है। धान बोता के लक्ष्य 25.45 लाख हेक्टेयर के विरूद्ध अब तक 25.89 लाख हेक्टेयर में धान की बोनी हुई है, जो कि लक्ष्य का 102 प्रतिशत है। राज्य में 10.80 लाख हेक्टेयर में धान का रोपा लगाया जा चुका है, जो कि निर्धारित लक्ष्य 11.50 लाख हेक्टेयर का 94 प्रतिशत है। इस प्रकार राज्य में धान बोता एवं धान रोपा कुल 36.69 लाख हेक्टेयर में पूरा किया जा चुका है, जो कि धान की बोनी के लिए निर्धारित लक्ष्य 36.95 लाख हेक्टेयर का 99 प्रतिशत है।

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार चालू खरीफ सीजन में मक्का की बोनी 2 लाख 18 हजार 550 हेक्टेयर में, कोदो-कुटकी एवं अन्य फसलों की बोनी 45 हजार 340 हेक्टेयर में, रागी की बोनी 22 हजार 190 हेक्टेयर में हो चुकी है। इसी प्रकार अरहर की बोनी एक लाख 15 हजार 660 हेक्टेयर में, मूंग की बोनी 12 हजार 600 हेक्टेयर में, उड़द की बोनी एक लाख 30 हजार 650 हेक्टेयर में तथा कुल्थी की बोनी 1230 हेक्टेयर में हुई है। तिलहन फसलों के अंतर्गत मूंगफली की बोनी 54 हजार 830 हेक्टेयर में, तिल की बोनी 24 हजार 540 हेक्टेयर में, सोयाबीन की बोनी 50 हजार 880 हेक्टेयर में, रामतिल की बोनी 10 हजार 60 हेक्टेयर में हो चुकी है। इसके अतिरिक्त अन्य फसलों की बोनी 1 लाख 9 हजार 900 हेक्टेयर में हुई है। इसी प्रकार खरीफ फसलों की बोनी 46 लाख 66 हजार हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि खरीफ फसलों की बोनी के लिए निर्धारित लक्ष्य का 93 फीसद है।

राज्य में धान के बदले अन्य फसलों के क्षेत्राच्छादन को बढ़ावा देने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में 3 लाख 44 हजार 397 हेक्टेयर में धान की प्रचलित किस्मों के स्थान पर विशेष किस्म जैसे सुगंधित धान, जिंक धान एवं जैविक धान तथा अन्य फसलों में मक्का, कोदो-कुटकी, रागी, अरहर, उड़द, मूंग, तिल, रामतिल, सोयाबीन एवं गन्ना को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अब तक इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए 2 लाख 79 हजार 756 हेक्टेयर रकबा तथा 4 लाख 64 हजार 932 किसानों का चयन किया जा चुका है। चयनित किसानों के सम्पर्क एवं उनके खेतों का निरीक्षण कर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा सत्यापन जारी है।

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स्रोत: Krishak Jagat