मुख्यमंत्री मान ने चमकौर साहिब से की धान खरीद की औपचारिक शुरूआत

October 04 2023

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को चमकौर साहिब की अनाज मंडी से राज्य में धान के खरीद कामों की शुरूआत औपचारिक तौर पर की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने खाद्य और सिविल सप्लाइज विभाग को 1 अक्तूबर से शुरू हुए खरीफ मंडीकरण सीजन के दौरान निॢवघ्न खरीद को यकीनी बनाने के आदेश दिए। किसानों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदने के लिए वचनबद्ध हैं और इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि धान खरीद के पहले दिन ही फसल की लिङ्क्षफ्टग शुरू हो चुकी है जो अपने आप में रिकॉर्ड है।

मुख्यमंत्री लगातार दूसरे दिन किसी पूर्व मुख्यमंत्री के हलके में गए। गौरतलब है कि चमकौर साहिब चरणजीत सिंह चन्नी का हलका है। बीते कल वह कै. अमरेंद्र सिंह के पटियाला हलके में थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीद, लिङ्क्षफ्टग और अदायगी उसी दिन की जाएगी और इस समूची प्रक्रिया को डिजिटल विधि के साथ कार्यशील किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक बटन दबा कर डिजिटल ढंग के साथ भुगतान करने की पहल की शुरूआत करते हुए एक किसान को धान की अदायगी ट्रांसफर की।

खरीद और लिफ्टिंग के साथ अन्य प्रबंध भी यकीनी बनाएं

मान ने धान के खरीद कामों के लिए नोडल एजैंसी खाद्य और सिविल सप्लाई विभाग को धान की तुरंत और निॢवघ्न खरीद और भंडारण के लिए सभी जरूरी प्रबंधों को यकीनी बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर अदायगी करने के लिए निर्धारित नियमों की सख्ती के साथ पालना को यकीनी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार है कि पंजाब सरकार ने खरीद शुरू होने से पहले धान के सीजन के लिए 37,000 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट (सी.सी.एल.) प्राप्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने धान की खरीद के लिए केंद्र सरकार से सी.सी.एल. के तौर पर 42000 करोड़ रुपए की मांग की थी, जिसके मुकाबले 37000 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। 

पराली जलाने की प्रथा को छोड़ें किसान

किसानों को पराली जलाने की प्रथा को छोडऩे की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को फसलों के अवशेष के प्रबंधन के लिए नए खेती यंत्र दिए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पहले ही ईंट भट्टों के लिए पराली ईंधन के साथ-साथ अन्य प्लांटों को किसानों से पराली खरीदने के लिए लाजिमी किया हुआ है। केंद्र सरकार से पराली जलाने की प्रथा को रोकने के लिए किसानों के लिए लाभदायक हल की मांग भी की हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने डी.ए.पी. का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया था और इस पहल से 3 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी. प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने भारत सरकार से बासमती के निर्यात के लिए तय कीमत बढ़ाने की मांग की है। यह समय की जरूरत है क्योंकि हमने फसली विभिन्नता को और आगे बढ़ाने का फैसला किया है जिस कारण कीमतों में विस्तार होना लाभदायक साबित होगा। राज्य सरकार के यत्नों स्वरूप बासमती की काश्त अधीन 21 प्रतिशत तक क्षेत्रफल बढ़ा है। 

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स्रोत: पंजाब केसरी